केंद्रीय विद्यालय संगठन अब स्टडी कैंप व स्पेशल प्रोग्राम के माध्यम से अपने स्कूलों के रिजल्ट को सुधारने जा रहा है। संगठन खराब प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए यह कदम उठाएगा। इसके अंतर्गत न केवल इन छात्रों के लिए कैंप लगेंगे बल्कि लगातार निगरानी व गलतियों का विश्लेषण भी होगा। छात्र बेहतर प्रदर्शन करें इसके लिए डमी एग्जामिनेशन के माध्यम से भी उनकी परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। परीक्षा के लिए छात्रों को समय-समय पर विभिन्न स्टडी तकनीकों के संबंध में टिप्स भी दिए जाएंगे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं शुरू होने में अब कुछ माह ही बचे हैं। ऐसे में केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने वर्ष 2016 में होने वाली परीक्षाओं की गुणवत्ता को बेहतर करने की तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षाओं में कमजोर प्रदर्शन करने वालों के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। क्षेत्रीय उपायुक्तों को इसके संबंध में जानकारी 25 नवंबर तक भेजनी होगी।
संगठन का मानना है कि छात्रों के सवालों व कठिनाइयों को हल किया जाना जरूरी है। इसके लिए छात्रों को विषयानुसार गाइड किया जाएगा। इसके लिए 10वीं व 12वीं के छात्रों से सीधे संपर्क स्थापित करने की तैयारी है। दरअसल, संगठन अपने वर्ष 2015 में आए बोर्ड नतीजों को लेकर चिंतित है।
संगठन नहीं चाहता कि केवी की रिजल्ट को लेकर जो साख है वह खराब हो। मालूम हो कि वर्ष 2014 में 349 केवी का सौ फीसदी रिजल्ट था जबकि 2015 में केवल 219 केवी में ही सौ फीसदी रिजल्ट रहा। राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2015 के रिजल्ट में 3 फीसदी की गिरावट हुई। साइंस स्ट्रीम में केवल इरनाकुलम व देहरादून ने ही 99 फीसदी रिजल्ट प्राप्त किया। संगठन चाहता है कि प्रिंसिपल सौ फीसदी रिजल्ट को टारगेट बनाकर काम करें।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं शुरू होने में अब कुछ माह ही बचे हैं। ऐसे में केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने वर्ष 2016 में होने वाली परीक्षाओं की गुणवत्ता को बेहतर करने की तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षाओं में कमजोर प्रदर्शन करने वालों के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। क्षेत्रीय उपायुक्तों को इसके संबंध में जानकारी 25 नवंबर तक भेजनी होगी।
संगठन का मानना है कि छात्रों के सवालों व कठिनाइयों को हल किया जाना जरूरी है। इसके लिए छात्रों को विषयानुसार गाइड किया जाएगा। इसके लिए 10वीं व 12वीं के छात्रों से सीधे संपर्क स्थापित करने की तैयारी है। दरअसल, संगठन अपने वर्ष 2015 में आए बोर्ड नतीजों को लेकर चिंतित है।
संगठन नहीं चाहता कि केवी की रिजल्ट को लेकर जो साख है वह खराब हो। मालूम हो कि वर्ष 2014 में 349 केवी का सौ फीसदी रिजल्ट था जबकि 2015 में केवल 219 केवी में ही सौ फीसदी रिजल्ट रहा। राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2015 के रिजल्ट में 3 फीसदी की गिरावट हुई। साइंस स्ट्रीम में केवल इरनाकुलम व देहरादून ने ही 99 फीसदी रिजल्ट प्राप्त किया। संगठन चाहता है कि प्रिंसिपल सौ फीसदी रिजल्ट को टारगेट बनाकर काम करें।