The incident ended three generations /हादसे ने खत्म कर दी तीन पीढ़ियां, घर में नहीं बचा कोई पुरूष

Ramandeep Kaur
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दिलशाद गार्डन इलाके में मंगलवार तड़के हुए दिल-दहला देने वाले हादसे ने परिवार की तीन पीढ़ियां समाप्त कर दी। हादसे में प्रदीप के साथ ही इकलौते बेटे और पोते की मौत हो गई। अब घर में कोई भी पुरुष सदस्य नहीं बचा है।

बेटा-बहू, पति और पोते को खोकर सरोज सुधबुध खो चुकी हैं। वे बार-बार बस यह कह रही थीं कि भगवान उन्हें भी आग में जला देता, तो यह दिन देखने को नहीं मिलता।

घटना के बाद यहां पहुंचने वालों की भी आंखें भर जाती हैं। पूरे दिलशाद गार्डन इलाके में मातम सा माहौल है, जिसने भी हादसे के बारे में सुना वह घटना स्थल की ओर भागा।

प्रदीप के रिश्तेदार सुनील गुलाठी ने कहा कि किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि हंसता-खेलता परिवार एक पल में बिखर जाएगा। सब कुछ अच्छा चल रहा था।

राजन की दिलशाद गार्डन इलाके में बॉबी ड्राइक्लीनर और एसके ड्राइक्लीनर के नाम से दो दुकानें थी। प्रदीप डीटीसी में टिकट चेकर के पद पर तैनात थे। घर की दुकान को प्रदीप की पत्नी सरोज संभालती थीं।

दूसरी वाली दुकान को राजन संभालता था। प्रदीप ने बड़ी बेटी कोमल की शादी कर दी थी, वह पति के साथ दूसरी जगह रहती है। छोटी बेटी सेजल गीता कॉलोनी के सेंट लॉरेंस स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ रही है। पोता अंशुल उर्फ चीकू ग्रीनफील्ड पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ रहा था।

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