आईएएस-पीसीएस परीक्षाओं के लिए संघ लोक सेवा आयोग और लोक सेवा आयोगों की ओर से लगातार पाठ्यक्रम और पैटर्न में बदलाव से परेशान प्रतियोगियों ने झटपट नौकरी की चाहत में अपनी प्राथमिकता बदल ली है। प्रतियोगी छात्र अब एसएससी की ओर से होने वाली परीक्षाओं में आवेदन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
आईएएस-पीसीएस के मुकाबले एसएससी की सभी भर्ती परीक्षाओं में आवेदकों की संख्या दो गुना से भी अधिक हो गई है। अकेले एसएससी की संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा में ही सात लाख के करीब आवेदन पहुंच रहे हैं।
प्रदेश के लोक सेवा आयोगों की चयन नीति से परेशान प्रतियोगी छात्रों ने कर्मचारी चयन आयोग की ओर से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में भाग्य आजमाने को पहली प्राथमिकता बना ली है। लोक सेवा आयोगों की कार्यशैली से परेशान होकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आयोग की कार्यप्रणाली के कारण प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के बाद नौकरी की आस छोड़ घर लौट जाते हैं।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए अब छात्रों ने कम समय में नौकरी पाने के लिए एसएससी की ओर से होने वाली सीजीएल, स्टेनोग्राफर, सीएचएसएल और एसआई भर्ती परीक्षा में आवेदन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कॅरियर काउंसलर ओपी शुक्ला का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर लगातार अनियमितता के आरोप और पीसीएस भर्ती में पदों के सीमित होने के कारण चयन की संभावना कम रहती है।
ऐसे में प्रतियोगियों का रुझान वन डे परीक्षाओं की ओर से बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में नए प्रतियोगी छात्रों को एसएससी की परीक्षाएं सही विकल्प के रूप में सामने आई हैं।
एसएससी की सीजीएल भर्ती में ही छह से सात लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं, जबकि पीसीएस की परीक्षाओं में यह संख्या तीन से चार लाख तक ही पहुंच रही है। सीजीएल की भर्ती एक वर्ष में ही पूरी हो रही है। ऐसे में प्रतियोगियों ने प्राथमिकता में बदलाव किया है।
आईएएस-पीसीएस के मुकाबले एसएससी की सभी भर्ती परीक्षाओं में आवेदकों की संख्या दो गुना से भी अधिक हो गई है। अकेले एसएससी की संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा में ही सात लाख के करीब आवेदन पहुंच रहे हैं।
प्रदेश के लोक सेवा आयोगों की चयन नीति से परेशान प्रतियोगी छात्रों ने कर्मचारी चयन आयोग की ओर से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में भाग्य आजमाने को पहली प्राथमिकता बना ली है। लोक सेवा आयोगों की कार्यशैली से परेशान होकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आयोग की कार्यप्रणाली के कारण प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के बाद नौकरी की आस छोड़ घर लौट जाते हैं।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए अब छात्रों ने कम समय में नौकरी पाने के लिए एसएससी की ओर से होने वाली सीजीएल, स्टेनोग्राफर, सीएचएसएल और एसआई भर्ती परीक्षा में आवेदन को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कॅरियर काउंसलर ओपी शुक्ला का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर लगातार अनियमितता के आरोप और पीसीएस भर्ती में पदों के सीमित होने के कारण चयन की संभावना कम रहती है।
ऐसे में प्रतियोगियों का रुझान वन डे परीक्षाओं की ओर से बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में नए प्रतियोगी छात्रों को एसएससी की परीक्षाएं सही विकल्प के रूप में सामने आई हैं।
एसएससी की सीजीएल भर्ती में ही छह से सात लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं, जबकि पीसीएस की परीक्षाओं में यह संख्या तीन से चार लाख तक ही पहुंच रही है। सीजीएल की भर्ती एक वर्ष में ही पूरी हो रही है। ऐसे में प्रतियोगियों ने प्राथमिकता में बदलाव किया है।