1984 पुलबंगश सिख दंगा मामले में कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर को सीबीआई की क्लीन चिट मामले पर मंगलवार को फैसला सुना सकती है। अदालत ने इस मामले में तीस अक्तूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई ने पर्याप्त साक्ष्य न होने की बात कहते हुए टाइटलर को क्लीन चिट दी थी। दंगा पीड़ितों का कहना था कि टाइटलर ने गवाहों को प्रभावित कर बयान परिवर्तित कराए इस लिए यह क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार न की जाए।
कड़कड़डूमा जिला अदालत के एसीएमएम एसपीएस ललेर ने कांग्रेस नेता टाइटलर को क्लीन चिट पर सीबीआई व दंगा पीड़ितों की दलीलें सुनने के बाद तीस अक्तूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट के समर्थन में गुरुद्वारा रकाब गंज के पूर्व ग्रंथी सुरेंद्र सिंह के बयान का हवाला देते हुये कहा था कि उसने बार-बार बयान बदला और वह भरोसे लायक नहीं है।
उसके अपने पिता अजीत सिंह ने भी उसके बयान को भरोसेमंद नहीं बताया।
सीबीआई ने पर्याप्त साक्ष्य न होने की बात कहते हुए टाइटलर को क्लीन चिट दी थी। दंगा पीड़ितों का कहना था कि टाइटलर ने गवाहों को प्रभावित कर बयान परिवर्तित कराए इस लिए यह क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार न की जाए।
कड़कड़डूमा जिला अदालत के एसीएमएम एसपीएस ललेर ने कांग्रेस नेता टाइटलर को क्लीन चिट पर सीबीआई व दंगा पीड़ितों की दलीलें सुनने के बाद तीस अक्तूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस मामले में कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है। सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट में कई गवाहों के बयानों का हवाला देते हुये कहा है कि एक नवंबर 1984 को पूरे दिन इंदिरा गांधी के पार्थिव शरीर के पास उनके आवास पर थे और उनका दंगों व सिखों की हत्याओं से कोई लेना देना नहीं है।
एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट के समर्थन में गुरुद्वारा रकाब गंज के पूर्व ग्रंथी सुरेंद्र सिंह के बयान का हवाला देते हुये कहा था कि उसने बार-बार बयान बदला और वह भरोसे लायक नहीं है।
उसके अपने पिता अजीत सिंह ने भी उसके बयान को भरोसेमंद नहीं बताया।