नौकरी जाने से इंसान किस हद तक परेशान हो सकता है वह मानसिक रूप से परेशान महिला की कहानी को देखकर पता लगाया जा सकता है। महिला काम से निकाले जाने के बाद मेंटली अपसेट हो गई और घर छोड़कर सड़कों पर एक महीने तक घूमती रही।
35 साल की सोनिया अपने 2 बच्चों, पति और सास-ससुर के साथ गांव वडाला रामतीर्थ रोड पर रहती है। महिला को करीब 5 माह पहले काम से निकाल दिया गया था। बाद में महिला की मानसिक हालत बिगड़ गई। पति सोनिया का इलाज एक निजी अस्पताल से करवा रहा था, लेकिन 1 से पहले उसने दवा खानी बंद कर दी, क्योंकि दिहाड़ीदार पति मंहगी दवा उपलब्ध नहीं करवा पा रहा था।
परेशान महिला का स्वास्थ्य और ज्यादा बिगड़ गया और वह घर से निकलकर एक महीने तक कटड़ा खजाना रिक्शा स्टैंड के पास पड़ी रही। आसपास के लोग महिला को खाना दे जाते थे। फिर जस्ट सेवा सोसायटी के वीरदविंदर सिंह ने महिला का वीडियो बनाकर पिंगलवाड़ा भेजा गया।
तदोपरांत पिंगलवाड़ा टीम महिला को लेने पहुंची और कोरोना टेस्ट कराने के बाद पिंगलवाड़ा में आइसोलेट किया गया। महिला को परिजन इश्तिहार के जरिए ढूंढ रहे थे, पर वह नहीं मिली। शुक्रवार को परिजन महिला को ढूंढते हुए पिंगलवाड़ा पंहुचे और वहां पर दर्ज रिकार्ड से पता लगा कि वह यहीं है।
2 बच्चों की मां सोनिया को लेने बच्चे भी साथ आए और मां से मिलकर बेहद खुश हुए। परिवारवालों का कहना था कि नौकरी जाने के बाद से हालात खराब है। कोरोना के कारण आर्थिक हालात ज्यादा खराब हो गई, जिस कारण वह परेशान होती रही। दस्तावेज देखने के बाद सोनिया को परिवार संग घर भेज दिया गया।
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