बरसात के मौसम के मद्देनजर डेंगू व मलेरिया से बचने के लिए पूरी तरह सचेत रहना है। इस मच्छर के पैदा होने वाले स्रोतों को समय-समय पर साफ करते रहना है। सिविल सर्जन डाॅ. जसमीत बावा ने कहा कि सावधानी में ही बचाव है। उन्होंने अपील की है कि कोरोना महामारी के दौर में हमें मिल कर कोरोना व अन्य बीमारियों से बचाव करना है और सरकार की ओर से चलाए मिशन फतेह को फतेह करना है।
डेंगू मच्छर साफ खड़े पानी में पैदा होता है। इसलिए जरूरी है कि फ्रिजों की ट्रे व कूलरों को सप्ताह में एक दिन अच्छी तरह रगड़ कर सुखाया जाए। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में अक्सर घरों की छत्तों पर पड़े कबाड़, गमलों, पक्षियों को पानी पिलाने वाले मिट्टी के बर्तनों में कई-कई दिन तक पानी खड़ा रहता है। जिस कारण डेंगू का लारवा पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है।
टीमें घरों और दफ्तरों में चेकिंग कर रहीं, लारवे को किया जा रहा नष्ट
सिविल सर्जन ने लोगों से अपील की है कि छत्त पर पड़े कबाड़ को नष्ट किया जाए। पानी की टंकियों के ढक्कन बंद रखें और घरों की छत्तों या अन्य कहीं भी पड़े मिट्टी के बर्तनों व गमलों की समय पर सफाई की जाए। जिला एपिडिमोलॉजिस्ट डाॅ. राजीव भगत व डाॅ. नवप्रीत कौर ने कहा कि सेहत विभाग की टीमें घरों व दफ्तरों में जाकर चेकिंग कर रही हैं और जहां लारवा मिलता है। उसे नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह सेहत विभाग की टीमों से सहयोग कर ड्राई-डे का पालन करें। उन्होंने बताया कि सिरदर्द, तेज बुखार, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, शरीर में दर्द आदि लक्षण डेंगू के हो सकते हैं
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