Politician Relative Got Inter Cadre Appointment, Then Why Not Me ' / 'राजनेता के रिश्तेदार को मिली इंटर कैडर तैनाती, तो मुझे क्यों नहीं'

Ramandeep Kaur
0
उत्तराखंड कैडर के भारतीय वन सेना के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में शपथ पत्र दाखिल कर कहा है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) से उनका भरोसा उठ गया है।

शपथ पत्र में उन्होंने सवाल उठाया है कि किस प्रकार एसीसी द्वारा नियम-कानून से उलट स्पेशल केस बता उत्तर प्रदेश के बड़े राजनीतिक परिवार के एक रिश्तेदार की इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति कर कर दी जाती है। जबकि उनके द्वारा सारी योग्यता पूरी करने और अदालती आदेश के बावजूद उनकी इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति नहीं की जा रही है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली (एम्स) में पूर्व सीवीओ व मौजूदा समय में बतौर डिप्टी सेक्रेटरी कार्यरत संजीव चतुर्वेदी ने कैट में शपथ पत्र दाखिल कर प्रधानमंत्री और एसीसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।

न्होंने कहा कि एम्स सीवीओ पद से हटाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने तत्कालीन स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से 23 अगस्त 2014 को फोन पर बात की, उसके बाद से उनकी स्थिति और खराब हो गई। उन्हें परेशान किया जा रहा है और काफी समय से बिना काम के रखा गया है।

शपथ पत्र में कहा गया है कि कैसे तमिलनाडु कैडर के वर्ष-2011 बैच के आईएएस अधिकारी अजय यादव के मामले को स्पेशल केस बता कर तीन साल के लिए इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया। यह यूपी के एक बड़े राजनैतिक परिवार के नेता के नजदीकी रिश्तेदार हैं।

ऐसे ही गुजरात कैडर के वर्ष-1998 बैच के आईएएस अधिकारी मो. शाहीद को उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री का ओएसडी बना दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि एसीसी के पास कुल 19 मामले इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति के लिए भेजे गए थे जो नियम-कानून पर खरे नहीं उतर रहे थे लेकिन इनमें से 14 अर्जियों को स्वीकार कर लिया गया।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)