टीम को चिंता इस बात की भी है कि जेलों में लड़ाई झगड़े होते हैं, जिससे लगने वाली चोटों के जरिए संक्रमण एक से दूसरे कैदी को मिल सकता है। गाजियाबाद डासना जेल में करीब 46 कैदियों में एचआईवी की पुष्टि हुई है।
एचआईवी परामर्श एवं जांच केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक लुक्सर जेल में 1 मार्च से 31 मार्च तक करीब 2000 कैदियों के ब्लड के नमूनों की जांच की गई थी, जिनमें से 19 कैदियों में एचआईवी की पुष्टि हुई है।
ब्लड की यह जांच स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों के आधार पर देश के तमाम जेलों में बंद कैदियों की कराई गई थी, जिसमें गौतमबुद्ध नगर भी शामिल था।
एचआईवी परामर्शदाता मनोज कुमार ने बताया कि मरीजों की अभी काउंसलिंग नहीं हुई है। इस कारण यह पता नहीं लग सका है कि उन्हें एचआईवी का संक्रमण कहां से मिला।
उन्होंने बताया कि टीम की ओर से मरीजों की एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी (एआरटी) के लिए जेल प्रशासन को कहा गया है। परामर्शदाता ने कहा कि जेल में कैदियों के बीच लड़ाई झगड़े होते रहते हैं, जिसमें चोटें भी लगती हैं। ऐसे में खून के जरिए संक्रमण दूसरे मरीजों को मिल सकता है।
जेल प्रशासन को एचआईवी पॉजिटिव रोगियों के खास ख्याल के लिए कहा गया है। साथ ही यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी को भी जानकारी भेज दी गई है। डासना जेल के आंकड़े भी उनके पास हैं, जिसके मुताबिक करीब 46 कैदियों में एचआईवी की पुष्टि हुई है।