संपत्ति पंजीकरण के रिकॉर्ड को ऑनलाइन देखने और पाने के लिए दिल्लीवालों को इंतजार करना पड़ेगा। संपत्ति रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन की सुस्त रफ्तार से दिल्ली सरकार की संपत्ति पंजीकरण के सरलीकरण योजना पर ब्रेक लगा है। अभी तक 11 राजस्व जिलों में महज दक्षिण पश्चिमी जिले में ही यह काम पूरा हुआ है। यह वही जिला है, जहां के एक गांव से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डिजिटाइजेशन का काम शुरू हुआ था।
दरअसल, दिल्ली सरकार संपत्ति पंजीकरण को सरल बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसमें दिल्लीभर की सभी जमीन के रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसकी एक अलग इंद्रप्रस्थ भूलेख (संभवत:) नाम की एक वेबसाइट होगी, जहां कोई भी व्यक्ति घर बैठे उस वेबसाइट पर जाकर जमीन के खसरा या खतौनी नंबर के आधार पर जमीन के पूरे रिकॉर्ड को देख सकता है। उसका प्रिंटआउट भी ले सकता है।
संपत्ति रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन होने से रिकॉर्ड ऑफ राइट्स भी डिजिटली साइन करके जारी किया जाएगा। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी और फेरबदल की संभावना खत्म हो जाएगी। यही नहीं किसी जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले खरीदार जमीनों की अपने स्तर पर जांच कर सकता है कि वह उसी की है जिससे वह खरीद रहा है।
दिल्ली में कुल 11 राजस्व जिले हैं, जिसमें दक्षिणी पश्चिमी जिले ने अपने यहां की सभी जमीनों के रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन बीते साल अगस्त में कर लिया था। अन्य दस जिलों को छह माह का समय दिया गया था। राजस्व विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी जिले ने इस पर बढ़िया काम किया है। करीब 80 फीसदी काम हो चुका है। दूसरों जिलों में काम थोड़ा धीमा है। अधिकारियों की मानें तो इसमें अभी वक्त लगेगा।
दरअसल, दिल्ली सरकार संपत्ति पंजीकरण को सरल बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसमें दिल्लीभर की सभी जमीन के रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसकी एक अलग इंद्रप्रस्थ भूलेख (संभवत:) नाम की एक वेबसाइट होगी, जहां कोई भी व्यक्ति घर बैठे उस वेबसाइट पर जाकर जमीन के खसरा या खतौनी नंबर के आधार पर जमीन के पूरे रिकॉर्ड को देख सकता है। उसका प्रिंटआउट भी ले सकता है।
संपत्ति रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन होने से रिकॉर्ड ऑफ राइट्स भी डिजिटली साइन करके जारी किया जाएगा। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी और फेरबदल की संभावना खत्म हो जाएगी। यही नहीं किसी जमीन की खरीद-फरोख्त से पहले खरीदार जमीनों की अपने स्तर पर जांच कर सकता है कि वह उसी की है जिससे वह खरीद रहा है।
दिल्ली में कुल 11 राजस्व जिले हैं, जिसमें दक्षिणी पश्चिमी जिले ने अपने यहां की सभी जमीनों के रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन बीते साल अगस्त में कर लिया था। अन्य दस जिलों को छह माह का समय दिया गया था। राजस्व विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और उत्तर पश्चिमी जिले ने इस पर बढ़िया काम किया है। करीब 80 फीसदी काम हो चुका है। दूसरों जिलों में काम थोड़ा धीमा है। अधिकारियों की मानें तो इसमें अभी वक्त लगेगा।