खोड़ा के भारत नगर निवासी मशीन ऑपरेटर दद्दन प्रसाद (45) की बुधवार को वैशाली सेक्टर-4 के अस्पताल में मौत हो गई।
रविवार शाम को वह आनंद इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित फैक्ट्री जाने के लिए घर से निकला था। सोमवार को घर नहीं लौटने पर परिजनों ने शिकायत खोड़ा थाने में की थी।
मंगलवार को बेहोशी की हालत में वह वैशाली सेक्टर-6 की झाड़ियों में पड़ा मिला। बुधवार को मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर हंगामा किया।
दद्दन प्रसाद खोड़ा के भारत नगर में पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। वह आनंद इंडस्ट्रियल एरिया की वायर बनाने वाली फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर था।
परिजनों के अनुसार, रविवार शाम को वह ड्यूटी जाने के लिए साइकिल लेकर घर से निकला था। सोमवार सुबह घर नहीं लौटे तो उन्होंने फैक्ट्री के एक साथी वर्कर को कॉल किया।
उसने बताया कि वह फैक्ट्री के काम से सिकंदराबाद गए हैं। दोपहर को फिर साथी कर्मचारी को कॉल किया तो उसने बताया कि वह मजाक कर रहा था। दद्दन रात को ड्यूटी पर आए ही नहीं।
इसके बाद परिजनों ने थाना खोड़ा जाकर शिकायत दी। मंगलवार शाम को वह बेहोशी की हालत में वैशाली सेक्टर-6 की झाड़ियों में मिले।
उनकी दायीं कलाई के पास इंजेक्शन का एक निशान और टेप लगा था। उन्हें पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई।
एसएचओ इंदिरापुरम ने बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि सिर में चोट लगने के चलते उनके दिमाग में खून जम गया था। हालांकि चोट का कोई स्पष्ट निशान उनके शरीर पर नहीं था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो सकेगा। बेटे चंदर का आरोप है कि उन्हें जहर का इंजेक्शन लगाकर हत्या की गई है अथवा फैक्ट्री में उन्हें मारा गया है।
पुलिस ने दर्ज नहीं की गुमशुदगी
परिजनों ने बताया कि 28 तारीख की सुबह ही उन्होंने खोड़ा पुलिस को दद्दन की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मगर पुलिस ने शिकायत रिसीव ही नहीं की।
लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस का कहना है कि हो सकता है फैक्ट्री में कोई हादसा हुआ हो, जिसके बाद उसे झाड़ियों में फेंक दिया गया हो।
उधर, फैक्ट्री में ठेकेदार हरिकिशोर का कहना है कि रविवार को दद्दन ड्यूटी पर आया ही नहीं था, उसका एक्सीडेंट हुआ होगा।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
दद्दन की पत्नी पुष्पा, बेटे चन्दर(24), कृष्ण(18) और बेटी लक्ष्मी(19) का पिता की मौत के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। पुष्पा ने बताया कि दद्दन पूरे परिवार का पालन-पोषण अकेले करते थे।
रविवार शाम को वह आनंद इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित फैक्ट्री जाने के लिए घर से निकला था। सोमवार को घर नहीं लौटने पर परिजनों ने शिकायत खोड़ा थाने में की थी।
मंगलवार को बेहोशी की हालत में वह वैशाली सेक्टर-6 की झाड़ियों में पड़ा मिला। बुधवार को मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर हंगामा किया।
दद्दन प्रसाद खोड़ा के भारत नगर में पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। वह आनंद इंडस्ट्रियल एरिया की वायर बनाने वाली फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर था।
परिजनों के अनुसार, रविवार शाम को वह ड्यूटी जाने के लिए साइकिल लेकर घर से निकला था। सोमवार सुबह घर नहीं लौटे तो उन्होंने फैक्ट्री के एक साथी वर्कर को कॉल किया।
उसने बताया कि वह फैक्ट्री के काम से सिकंदराबाद गए हैं। दोपहर को फिर साथी कर्मचारी को कॉल किया तो उसने बताया कि वह मजाक कर रहा था। दद्दन रात को ड्यूटी पर आए ही नहीं।
इसके बाद परिजनों ने थाना खोड़ा जाकर शिकायत दी। मंगलवार शाम को वह बेहोशी की हालत में वैशाली सेक्टर-6 की झाड़ियों में मिले।
उनकी दायीं कलाई के पास इंजेक्शन का एक निशान और टेप लगा था। उन्हें पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई।
एसएचओ इंदिरापुरम ने बताया कि डॉक्टरों का कहना है कि सिर में चोट लगने के चलते उनके दिमाग में खून जम गया था। हालांकि चोट का कोई स्पष्ट निशान उनके शरीर पर नहीं था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो सकेगा। बेटे चंदर का आरोप है कि उन्हें जहर का इंजेक्शन लगाकर हत्या की गई है अथवा फैक्ट्री में उन्हें मारा गया है।
पुलिस ने दर्ज नहीं की गुमशुदगी
परिजनों ने बताया कि 28 तारीख की सुबह ही उन्होंने खोड़ा पुलिस को दद्दन की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मगर पुलिस ने शिकायत रिसीव ही नहीं की।
लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस का कहना है कि हो सकता है फैक्ट्री में कोई हादसा हुआ हो, जिसके बाद उसे झाड़ियों में फेंक दिया गया हो।
उधर, फैक्ट्री में ठेकेदार हरिकिशोर का कहना है कि रविवार को दद्दन ड्यूटी पर आया ही नहीं था, उसका एक्सीडेंट हुआ होगा।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
दद्दन की पत्नी पुष्पा, बेटे चन्दर(24), कृष्ण(18) और बेटी लक्ष्मी(19) का पिता की मौत के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। पुष्पा ने बताया कि दद्दन पूरे परिवार का पालन-पोषण अकेले करते थे।