अगर आप नामी ब्रांड के महंगे मोबाइल खरीदने की योजना बना रहे थे, तो यह खबर आप को चौंका सकती है। जी हां, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने नामी मोबाइल कंपनी के नकली मोबाइल (क्लोन) बनाने वाले गिरोह के चार लोगों को दबोचा है।
आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी रविंद्र पाल सिंह (43), किरणदीप सिंह (38), गांव खांदिया, रामपुर निवासी रणजीत सिंह (24) और गांव अलीपुर माजरा, रामपुर निवासी सुखदेव सिंह (32) के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर 10 हजार नकली मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इनकी कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस की मानें, तो चीन से मोबाइल के पार्ट्स मंगाकर उन्हें जोड़कर नामी कंपनी के नकली मोबाइल तैयार किए जाते थे।
इसके साथ इन मोबाइल पर जो आईएमईआई नंबर थे, उनका सॉफ्टवेयर भी अलग था। दिया गया आईएमईआई नंबर पहले ही दूसरे असली फोन पर अंकित था। इससे न सिर्फ अपराधियों को बल मिल रहा था, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा था।
सूचना के बाद छापा मारकर रविंद्र्रपाल सिंह, सुखदेव सिंह, रणजीत सिंह और किरणदीप सिंह को दबोच लिया गया। इनकी निशानदेही पर मटियाला के गोदाम से 10 हजार नकली मोबाइल फोन बरामद किए गए। जांच के दौरान पता चला कि गैंग का मुख्य आरोपी किरणदीप सिंह और उसका चचेरा भाई इंदरपाल सिंह है। फिलहाल इंदर फरार है। पुलिस टीम उसकी तलाश कर रही है।
आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी रविंद्र पाल सिंह (43), किरणदीप सिंह (38), गांव खांदिया, रामपुर निवासी रणजीत सिंह (24) और गांव अलीपुर माजरा, रामपुर निवासी सुखदेव सिंह (32) के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर 10 हजार नकली मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इनकी कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस की मानें, तो चीन से मोबाइल के पार्ट्स मंगाकर उन्हें जोड़कर नामी कंपनी के नकली मोबाइल तैयार किए जाते थे।
संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव ने बताया कि एक दिसंबर को अपराध शाखा ने लाजपतराय मार्केट से कुछ नकली मोबाइल फोन बरामद किए थे। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि किसी रविंद्रपाल सिंह नामक शख्स का सिम कार्ड इन फोन में इस्तेमाल किया गया था।
इसके साथ इन मोबाइल पर जो आईएमईआई नंबर थे, उनका सॉफ्टवेयर भी अलग था। दिया गया आईएमईआई नंबर पहले ही दूसरे असली फोन पर अंकित था। इससे न सिर्फ अपराधियों को बल मिल रहा था, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा था।
सूचना के बाद छापा मारकर रविंद्र्रपाल सिंह, सुखदेव सिंह, रणजीत सिंह और किरणदीप सिंह को दबोच लिया गया। इनकी निशानदेही पर मटियाला के गोदाम से 10 हजार नकली मोबाइल फोन बरामद किए गए। जांच के दौरान पता चला कि गैंग का मुख्य आरोपी किरणदीप सिंह और उसका चचेरा भाई इंदरपाल सिंह है। फिलहाल इंदर फरार है। पुलिस टीम उसकी तलाश कर रही है।