सेक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में बृहस्पतिवार को एक अजीबोगरीब घटना से वहां मौजूद गार्डों का दिल पसीज गया। निठारी की एक महिला ने अपनी नवजात बेटी को गोद लेने की विनती वहां मौजूद लोगों से की।
रोती-बिलखती मां का कहना था कि उसके पास खाने को पैसे नहीं हैं, तो वह बच्ची को क्या खिलाएगी। महिला की हालत देख सभी गार्डों ने मिलाकर उसे 1100 रुपये दिए।
इसके बाद वह वहां से चली गई। महिला बृहस्पतिवार दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची। उसकी गोद में करीब आठ-नौ दिन की बच्ची थी। महिला की हालत बेहद दयनीय दिख रही थी।
उसने बताया कि महिला ने घर पर ही बच्ची को जन्म दिया था। पति उसे बहुत मारता है और छोड़कर घर से भाग गया। इसके बाद मकान मालिक ने भी महिला को घर से निकाल दिया।
बच्ची को खिलाने के लिए उसके पास कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वह अपने दिल के टुकड़े को गोद देना चाहती है। महिला ने बताया एक बेटा भी है, जो बड़ा है और पल सकता है, लेकिन घर खाली करने के बाद वह बेटी को इस मौसम में लेकर सड़कों पर नहीं रह सकती।
रोती-बिलखती मां का कहना था कि उसके पास खाने को पैसे नहीं हैं, तो वह बच्ची को क्या खिलाएगी। महिला की हालत देख सभी गार्डों ने मिलाकर उसे 1100 रुपये दिए।
इसके बाद वह वहां से चली गई। महिला बृहस्पतिवार दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची। उसकी गोद में करीब आठ-नौ दिन की बच्ची थी। महिला की हालत बेहद दयनीय दिख रही थी।
वह रो रही थी और अस्पताल स्टाफ और आने-जाने वाले लोगों से अपनी बच्ची को गोद लेने की विनती कर रही थी। उसके साथ एक और महिला थी, जिसने खुद को उसका पड़ोसी बताया।
उसने बताया कि महिला ने घर पर ही बच्ची को जन्म दिया था। पति उसे बहुत मारता है और छोड़कर घर से भाग गया। इसके बाद मकान मालिक ने भी महिला को घर से निकाल दिया।
बच्ची को खिलाने के लिए उसके पास कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वह अपने दिल के टुकड़े को गोद देना चाहती है। महिला ने बताया एक बेटा भी है, जो बड़ा है और पल सकता है, लेकिन घर खाली करने के बाद वह बेटी को इस मौसम में लेकर सड़कों पर नहीं रह सकती।
