बच्चा न होने पर बहू को आग लगाकर मारने वाले सास-ससुर को पटियाला की अदालत ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि पति को बरी कर दिया।
4 जुलाई, 2014 को थूही रोड नाभा की रहने वाली विवाहिता सुखबीर कौर आग लगने से बुरी तरह से झुलस गई थी। अगले ही दिन इलाज के दौरान विवाहिता ने पीजीआई चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया था।
मरने से पहले विवाहिता ने चंडीगढ़ के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिए थे, जिसमें उसने अपनी सास जरनैल कौर, ससुर हरमेल सिंह पर उसके बेड़ को आग लगाने के आरोप लगाए थे। बेड को आग लगाने के कारण वह आग की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गई थी।
केस फाइल के मुताबिक विवाहिता की शादी इस घटना से करीब छह साल पहले हुई थी। विवाहिता के बयान पर थाना नाभा पुलिस ने सास व ससुर के खिलाफ हत्या, साजिश रचने आदि की धाराओं में केस दर्ज किया था। विवाहिता के भाई परगट सिंह व बहन बेअंत कौर के बयानों पर उसके पति गुरतेज सिंह को केस में नामजद किया गया था।
आरोप लगाया गया था कि उनकी बहन के घर कोई बच्चा न होने के कारण गुरतेज सिंह के किसी और महिला के साथ संबंध बन गए थे। इसके कारण ससुरालियों ने साजिश के तहत उनकी बहन को आग लगाकर मारा है।
केस ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष के वकील की दलीलों से सहमत होते हुए एडिशनल सेशन जज एचके सिद्धू की अदालत ने बेअंत कौर व परगट सिंह की गवाहियां नहीं मानीं, क्योंकि विवाहिता की ओर से दिए बयानों में गुरतेज सिंह का नाम शामिल नहीं था। सोमवार को अदालत ने विवाहिता को जलाने का दोषी सास-ससुर को पाते हुए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
4 जुलाई, 2014 को थूही रोड नाभा की रहने वाली विवाहिता सुखबीर कौर आग लगने से बुरी तरह से झुलस गई थी। अगले ही दिन इलाज के दौरान विवाहिता ने पीजीआई चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया था।
मरने से पहले विवाहिता ने चंडीगढ़ के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिए थे, जिसमें उसने अपनी सास जरनैल कौर, ससुर हरमेल सिंह पर उसके बेड़ को आग लगाने के आरोप लगाए थे। बेड को आग लगाने के कारण वह आग की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गई थी।
केस फाइल के मुताबिक विवाहिता की शादी इस घटना से करीब छह साल पहले हुई थी। विवाहिता के बयान पर थाना नाभा पुलिस ने सास व ससुर के खिलाफ हत्या, साजिश रचने आदि की धाराओं में केस दर्ज किया था। विवाहिता के भाई परगट सिंह व बहन बेअंत कौर के बयानों पर उसके पति गुरतेज सिंह को केस में नामजद किया गया था।
आरोप लगाया गया था कि उनकी बहन के घर कोई बच्चा न होने के कारण गुरतेज सिंह के किसी और महिला के साथ संबंध बन गए थे। इसके कारण ससुरालियों ने साजिश के तहत उनकी बहन को आग लगाकर मारा है।
केस ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष के वकील की दलीलों से सहमत होते हुए एडिशनल सेशन जज एचके सिद्धू की अदालत ने बेअंत कौर व परगट सिंह की गवाहियां नहीं मानीं, क्योंकि विवाहिता की ओर से दिए बयानों में गुरतेज सिंह का नाम शामिल नहीं था। सोमवार को अदालत ने विवाहिता को जलाने का दोषी सास-ससुर को पाते हुए दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।