मोबाइल मेडिकल यूनिट में अब पूरी तरह मुफ्त इलाज मिलेगा। इसमें ओपीडी से लेकर जांच तक शामिल हैं। इनकी कोई फीस नहीं देनी होगी, क्योंकि सरकार ने इन पर यूजर्स चार्जेज खत्म करने का ऐलान किया है।
सेहत विभाग की प्रमुख सचिव विन्नी महाजन ने बताया कि सरकार ने मोबाइल मेडिकल यूनिट और मिनी मोबाइल मेडिकल यूनिट में दी जाने वाली सभी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त कर दी हैं। जिनमें ओपीडी, लैब टेस्ट, एक्स-रे, ईसीजी और दवाएं शामिल हैं।
पहले ओपीडी के लिए पर्ची फीस और लैब टेस्ट के लिए निर्धारित फीस अदा करनी पड़ती थी। अब इन सभी सेवाओं को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब में सालाना करीब चार लाख लोग एमएमयू की सुविधा का लाभ उठाते हैं।
राज्य में 24 मोबाइल मेडिकल यूनिट और सात मिनी मोबाइल मेडिकल यूनिट चल रही हैं, जो करीब दस हजार गांवों को कवर करती हैं। इनमें सालाना एक लाख से ज्यादा लैब टेस्ट और दस लाख से ज्यादा एक्स-रे और ईसीजी किए जाते हैं।
मोबाइल मेडिकल यूनिट को चलाने का मकसद दूरदराज इलाकों के लोगों को उनके घरों पर सेहत सुविधा मुहैया कराना है। बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे व अन्य लोग जो सेहत केंद्रों तक इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं, उन्हें घर बैठे ही इलाज की सुविधा दी जाती है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट में एक डॉक्टर, नर्स, रेडियोग्राफर, लैब अटेंडेंट, फार्मासिस्ट, हेल्पर और ड्राइवर होता है। विन्नी महाजन ने बताया कि पंजाब के सरकारी अस्पतालों में पहले ही मुफ्त डिलिवरी की सुविधा दी जा रही है।
गर्भवती महिला के आने-जाने, इलाज व दवाओं का खर्च सरकार उठाती है। इसी तरह एक साल तक के सभी बच्चों और पांच साल तक की लड़कियों का इलाज मुफ्त किया जाता है।
सेहत विभाग की प्रमुख सचिव विन्नी महाजन ने बताया कि सरकार ने मोबाइल मेडिकल यूनिट और मिनी मोबाइल मेडिकल यूनिट में दी जाने वाली सभी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त कर दी हैं। जिनमें ओपीडी, लैब टेस्ट, एक्स-रे, ईसीजी और दवाएं शामिल हैं।
पहले ओपीडी के लिए पर्ची फीस और लैब टेस्ट के लिए निर्धारित फीस अदा करनी पड़ती थी। अब इन सभी सेवाओं को बिल्कुल मुफ्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब में सालाना करीब चार लाख लोग एमएमयू की सुविधा का लाभ उठाते हैं।
राज्य में 24 मोबाइल मेडिकल यूनिट और सात मिनी मोबाइल मेडिकल यूनिट चल रही हैं, जो करीब दस हजार गांवों को कवर करती हैं। इनमें सालाना एक लाख से ज्यादा लैब टेस्ट और दस लाख से ज्यादा एक्स-रे और ईसीजी किए जाते हैं।
मोबाइल मेडिकल यूनिट को चलाने का मकसद दूरदराज इलाकों के लोगों को उनके घरों पर सेहत सुविधा मुहैया कराना है। बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे व अन्य लोग जो सेहत केंद्रों तक इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं, उन्हें घर बैठे ही इलाज की सुविधा दी जाती है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट में एक डॉक्टर, नर्स, रेडियोग्राफर, लैब अटेंडेंट, फार्मासिस्ट, हेल्पर और ड्राइवर होता है। विन्नी महाजन ने बताया कि पंजाब के सरकारी अस्पतालों में पहले ही मुफ्त डिलिवरी की सुविधा दी जा रही है।
गर्भवती महिला के आने-जाने, इलाज व दवाओं का खर्च सरकार उठाती है। इसी तरह एक साल तक के सभी बच्चों और पांच साल तक की लड़कियों का इलाज मुफ्त किया जाता है।