Pakistan's Role In 26/11 / 26/11 हमले की साजिश पाक में रची गई: तारिक खोसा

Swati
0
पाकिस्तान भले ही ठोस सबूत न होने का बहाना बनाकर मुंबई हमले के सूत्रधारों पर मुकदमा चलाने में हीलाहवाली करता रहा है। लेकिन पाक की संघीय जांच एजेंसी के पूर्व प्रमुख तारिक खोसा ने 26/11 मामले� में पाकिस्तानी जांच अफसरों द्वारा जुटाए गए सात ठोस सबूतों का खुलासा करके इस्लामाबाद के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।

खोसा ने पाकिस्तानी अखबार डॉन में प्रकाशित अपने लेख में कहा है कि मामले में पर्याप्त सबूत होने के बावजूद पाकिस्तान ने हमले के षड्यंत्रकारियों को अब तक सजा नहीं दिलवा पाया है। मुंबई हमलों के तुरंत बाद एजेंसी के प्रमुख बनाए गए खोसा ने आगे लिखा है कि बीते साल 16 दिसंबर को पाकिस्तान ने भी तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के हाथों 9/11 जैसा दर्द नहीं झेला।

ऐसे में पाकिस्तान को सभी चरमपंथियों-आतंकवादियों और अच्छे-बुरे तालिबान के बीच अंतर की नीति खत्म कर अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए विवादित मसलों का समाधान शांतिपूर्वक करना चाहिए। उन्होंने ने इस लेख में सात ऐसे सबूत गिनाए हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि मुंबई पर हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। 

अब तक मुंबई हमले में पर्याप्त सबूत के अभाव का रोना रहे पाकिस्तानी सरकार के लिए खोसा का खुलासा एक बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने लेख में दावा किया है कि पाक एजेंसी की जांच में मुंबई पर हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को सिंध के थाटा में ट्रेनिंग और वहां से समुद्र के रास्ते भेजने की पुष्टि हुई थी।

जांचकर्ताओं ने ट्रेनिंग कैंप और हमले में इस्तेमाल विस्फोटकों के खोखे भी बरामद कर लिए थे। इसके अलावा आतंकियों द्वारा भारतीय नाव को अगवा करने के लिए इस्तेमाल की गई नाव की भी पहचान हो गई थी। आतंकियों द्वारा मुंबई के पास छोड़ी गई छोटी नाव के पेटेंट नंबर से उसे जापान से आयात कर लाहौर लाने और फिर उसे कराची ले जाने की भी पुष्टि हुई थी।

पैसे की लेनदेन का तार भी एक गिरफ्तार आरोपी से जुड़ा। हमले को अंजाम देने के लिए कराची में बने ऑपरेशन रूम का भी पता चला।

इंटरनेट के जरिए संवाद और पूरे मामले के कथित कमांडर और उसके साथियों की भी पहचान की गई। इस मामले में विदेश से धन उपलब्ध करवाने के मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। इतना ही नहीं मामले में भारत की ओर से भी तमाम दस्तावेज दिए गए, लेकिन अभी भी मामले की सुनवाई लटकी हुई है।

यह अपने तरह का अलग मसला है। ऐसे में दोनों देशों के कानूनी विशेषज्ञों को एक साथ बैठकर आगे बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान को उसकी धरती से किए गए मुंबई हमले की सच्चाई का सामना करना पड़ेगा। उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि इस भीषण आतंकी हमले के षड्यंत्रकारियों को सजा मिले। यह मामला काफी समय से लटका हुआ है।

अभियुक्तों की ओर से मामले को खिंचने, सुनवाई करने वाले जज का बार-बार बदलना और मामले के अभियोजक की हत्या के साथ-साथ कुछ अहम गवाहों के अपने मूल बयान से मुकर जाना अभियोजन पक्ष के लिए बड़ा झटका है।

मुंबई हमले की साजिश के बारे में खोसा के खुलासे को भारत ने सच्चाई सामने आने जैसा करार दिया है। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत हमेशा के कहता रहा है कि इस हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान में रची गई और वहीं से उसे अंजाम दिया गया।

उन्होंने कहा कि भारत यह भी कहता रहा है कि मुंबई हमला मामले में 99 फीसदी सबूत पाकिस्तान में मौजूद हैं, जिसके आधार पर वहां की सरकार षड्यंत्रकारियों को कटघरे में खड़ा कर सकती थी। लेकिन, जकीउर रहमान लखवी सहित सभी दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। 

भारत लगातार इस हमले को लेकर पाकिस्तान को पुख्ता सबूत देता रहा है लेकिन वह इन सबूतों को सिरे से खारिज करता आया है। अब जबकि खुद उसी के जांच अधिकारी ने इस बात का खुलासा कर दिया है कि हमले के लिए पाकिस्तानी सरजमीं का ही इस्तेमाल किया गया था तो इससे भारत का दावा और मजबूत हुआ है। 

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)