मध्य प्रदेश के हरदा जिले में दो ट्रेनों की बोगियों पटरी से उतर गईं, जिसमें 27 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
मुंबई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस और जबलपुर से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस इटरसी-मुंबई रूट पर हरदा जिले के खिरकिया और भिरंगी रेलवे स्टेशनों के बीच माचक नदी पर बने पुल की पटरी से उतर गए। हादसे में कई लोगों की मौत होने की आशंका है। 24 यात्रियों का शव निकाला जा चुका है। डिरेल हुई बोगियों से 250 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
हालंकि रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि हादसे अब तक 12 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस के नौ और जनता एक्सप्रेस के 11 डिब्बों को पटरी से उतरने के कारण हादसा हुआ।
रेलवे ने हेल्पलाइन 05422503814, 62733 की घोषणा की है। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अनिल सक्सेना ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार और मामूली रूप से घायलों को 25 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर कहा है कि ट्रेन दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। रेल मंत्री का कहना है कि हादसा भारी बरसात के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि संसद में वह मामले पर विस्तार में जानकारी देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर हादसे पर शोक जताया है। वहीं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने रेलमंत्री का इस्तीफा मांगकर हादसे को राजनीतिक रंग देने की कवायद भी शुरु कर दी है।
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि ट्रेन हादसा प्राकृतिक आपदा है न कि मावीय भूल। उन्होंने कहा कि जिस इलाके में हादसा हुआ है, वहां भारी बारिश हो रही है, जिससे ये हादसा हुआ है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक किसी बांध के फटने के कारण मंगलवार रात माचक नदी का जल स्तर अचानक बढ़ा, जिससे पुल पर पानी आ गया है। और पुल का एक ओर झुक गया।
रेलव राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बताया कि कामायनी और जनता एक्सप्रेस लगभग एक ही समय में चल रही थी। पुल पार करते ही उनके डिब्बे पटरी से उतर गए। कमायनी के नौ और जनता एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरे।
मुंबई से वाराणसी जा रही कामायनी एक्सप्रेस और जबलपुर से मुंबई जा रही जनता एक्सप्रेस इटरसी-मुंबई रूट पर हरदा जिले के खिरकिया और भिरंगी रेलवे स्टेशनों के बीच माचक नदी पर बने पुल की पटरी से उतर गए। हादसे में कई लोगों की मौत होने की आशंका है। 24 यात्रियों का शव निकाला जा चुका है। डिरेल हुई बोगियों से 250 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
हालंकि रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का कहना है कि हादसे अब तक 12 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस के नौ और जनता एक्सप्रेस के 11 डिब्बों को पटरी से उतरने के कारण हादसा हुआ।
रेलवे ने हेल्पलाइन 05422503814, 62733 की घोषणा की है। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अनिल सक्सेना ने बताया कि मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार और मामूली रूप से घायलों को 25 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर कहा है कि ट्रेन दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। रेल मंत्री का कहना है कि हादसा भारी बरसात के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि संसद में वह मामले पर विस्तार में जानकारी देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर हादसे पर शोक जताया है। वहीं कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने रेलमंत्री का इस्तीफा मांगकर हादसे को राजनीतिक रंग देने की कवायद भी शुरु कर दी है।
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि ट्रेन हादसा प्राकृतिक आपदा है न कि मावीय भूल। उन्होंने कहा कि जिस इलाके में हादसा हुआ है, वहां भारी बारिश हो रही है, जिससे ये हादसा हुआ है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक किसी बांध के फटने के कारण मंगलवार रात माचक नदी का जल स्तर अचानक बढ़ा, जिससे पुल पर पानी आ गया है। और पुल का एक ओर झुक गया।
रेलव राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने बताया कि कामायनी और जनता एक्सप्रेस लगभग एक ही समय में चल रही थी। पुल पार करते ही उनके डिब्बे पटरी से उतर गए। कमायनी के नौ और जनता एक्सप्रेस के 11 डिब्बे पटरी से उतरे।