भाजपा नेताओं की शर्मनाक करतूत सामने आई है। वे लाखों की मोटी रकम वसूल कर नशा तस्करों को पुलिस से बचाते थे। एफआईआर से उनका नाम हटवाते थे। डीएसपी सेखों पर भी लाखों वसूलने के आरोप लगे हैं। मामला पंजाब के फिरोजपुर का है।
आरोपी नेताओं के नाम जिला युवा मोर्चा के पूर्व प्रधान जसपाल सिंह संधू उर्फ जिम्मी, मल्लांवाला सर्कल के पूर्व भाजपा प्रधान गुरचरन सिंह और लखविंदर सिंह बताया जा रहा है। पुलिस ने ड्रग्स और हथियारों के तस्करों की मदद करने के आरोप में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इन तीनों ने भाजपा के पूर्व जिला प्रधान जोगराज सिंह कटोरा और डीएसपी (सिटी) बलविंदर सिंह सेखों पर भी लाखों के लेन-देन का आरोप लगाया है। इस संबंध में जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।
‘15 लाख दो तो नहीं होगी गिरफ्तारी’
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी नेता लोगों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए पैसे ऐंठने की फिराक में रहते थे। 13 मार्च 2015 को थाना कैंट पुलिस ने फर्जी असलहा लाइसेंस की एंट्री पर डीसी दफ्तर के क्लर्क मनोज कुमार खट्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। मनोज के भाई सोनू खट्टर की असलहा की दुकान फिरोजपुर सिटी में है। मामले में सोनू को गिरफ्तारी से बचाने के लिए जिम्मी संधू ने 15 लाख रुपये लिए थे।
आरोपी नेताओं के नाम जिला युवा मोर्चा के पूर्व प्रधान जसपाल सिंह संधू उर्फ जिम्मी, मल्लांवाला सर्कल के पूर्व भाजपा प्रधान गुरचरन सिंह और लखविंदर सिंह बताया जा रहा है। पुलिस ने ड्रग्स और हथियारों के तस्करों की मदद करने के आरोप में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इन तीनों ने भाजपा के पूर्व जिला प्रधान जोगराज सिंह कटोरा और डीएसपी (सिटी) बलविंदर सिंह सेखों पर भी लाखों के लेन-देन का आरोप लगाया है। इस संबंध में जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।
‘15 लाख दो तो नहीं होगी गिरफ्तारी’
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी नेता लोगों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए पैसे ऐंठने की फिराक में रहते थे। 13 मार्च 2015 को थाना कैंट पुलिस ने फर्जी असलहा लाइसेंस की एंट्री पर डीसी दफ्तर के क्लर्क मनोज कुमार खट्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। मनोज के भाई सोनू खट्टर की असलहा की दुकान फिरोजपुर सिटी में है। मामले में सोनू को गिरफ्तारी से बचाने के लिए जिम्मी संधू ने 15 लाख रुपये लिए थे।