दिल्ली सरकार के विज्ञापन मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक और याचिका दायर हो गई। यह याचिका दिल्ली विश्वविद्यालय लॉ फैक्लटी के प्रो.एसएन सिंह ने दायर की है।
याचिका पर सोमवार को सुनवाई संभव है। याची ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने विज्ञापनों के लिए 520 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
बजट में इस राशि को मंजूरी प्रदान नहीं की गई। ऐसे में गैरकानूनी रूप से विज्ञापनों पर राशि खर्च की जा रही है।
इससे प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञापनों में दिल्ली में अच्छे काम का दावा कर रही है यह दावा उनके स्वयं का है।
अत: ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाई जाए। इसी प्रकार दिल्ली में करीब 18 लाख मलिन बस्तियों में रह रहे है यदि सरकार विज्ञापनों की राशि इन लोगों की दशा सुधारने पर खर्च करे तो बेहतर होगा।
याचिका पर सोमवार को सुनवाई संभव है। याची ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने विज्ञापनों के लिए 520 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
बजट में इस राशि को मंजूरी प्रदान नहीं की गई। ऐसे में गैरकानूनी रूप से विज्ञापनों पर राशि खर्च की जा रही है।
याची ने कहा कि इसी प्रकार दिल्ली सरकार दिल्ली में कामकाज को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विज्ञापन जारी कर रही हे। विज्ञापनों में प्रधानमंत्री के प्रति आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है।
इससे प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञापनों में दिल्ली में अच्छे काम का दावा कर रही है यह दावा उनके स्वयं का है।
अत: ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाई जाए। इसी प्रकार दिल्ली में करीब 18 लाख मलिन बस्तियों में रह रहे है यदि सरकार विज्ञापनों की राशि इन लोगों की दशा सुधारने पर खर्च करे तो बेहतर होगा।