नई दिल्ली:
बिहार के सबसे बड़े सर्राफा मंडी बाकरगंज में हुई बड़ी लूट का खुलासा तो पुलिस ने कर दिया है लेकिन अभी भी इस मामले में कई ऐसे सवाल अनसुलझे हैं जिनका जवाब पुलिस को देनी है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जब शिकायत 35 किलो सोने की हुई थी तो फिर 9 किलो सोने की बरामदगी कर पुलिस से कैसे दावा कर रही है कि पूरा लूटा गया पूरा सोना बरामद कर लिया गया है। इसके अलावा लूटी गई नगद राशि को लेकर भी सवाल है ?
एफआइआर में कहा गया था कि 14 लाख रुपये नगद लूटे गए हैं, लेकिन बरामदगी सिर्फ 4,32000 रुपये की हुई है। इस मामले में सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए है। पुलिस के अनुसार यह केस पूरी तरीके से सॉल्व कर लिया गया है तो फिर लूटी गई रकम किसके पास है और लूटा गया बाकी का सोना किसके पास है ? एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लो ने अपने बयान में कहा था उन्होंने ज्वेलर्स जिनके यहां घटना घटी थी उसके मालिश से लेजरशीट और इस बात के डिटेल्स मांगे थे कि इतना सोना उनके स्टेट स्टॉक में कैसे था ?
और यही वह सवाल है जिस वजह से ज्वेलर्स दुकान के मालिक अब सब कुछ गवा कर भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है क्योंकि दुकान के सभी माल रिकॉर्ड में नहीं होते हैं। लेकिन इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ 9 किलो सोने की ही लूट हुई थी तो फिर घटना के घंटों बाद सारे स्टॉक को मिलाकर दुकानदार ने 35 किलो सोने की बात क्यों कही थी? सवाल ये भी था कि ऐसा कहने के पीछे मंशा क्या हो सकती थी ? क्योंकि जब माल ही स्टॉक में नही था तो फिर यह कहने की जरूरत क्या थी?
एक सवाल यह भी है कि क्या दुकानदार 35 किलो सोना का कागज दे पाएंगे क्योंकि ऐसा देते है तो उन्हें इनकम टैक्स और सेल्स टैक्स से जुड़े कई सवालों का भी जवाब देना पड़ेगा। सूत्र बताते है कि बाकरगंज में जितना काम पक्के का नहीं होता है उससे ज्यादा काम कच्चे का होता है और लगभग सभी दुकानों में यह काम बखूबी होता है। क्या एसएस ज्वेलर्स में यह नही होता था?
सूत्र यह भी बताते हैं कि बरामद 9 किलो सोना से कही ज्यादा सोना की लूट हुई है लेकिन जिस तरह से पुलिस ने पांचो लुटेरो को गिरफ्तार कर पूरी तरह उद्भेदन का दावा किया है उससे तो यही लगता है कि सिर्फ 9 किलो सोना ही लुटा गया था । मतलब बाकी का सोना कहा गया? आखिर 35 किलो सोना 9 किलो में कैसे बदल गया।
]]>