दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने झारखंड से मानव तस्करी करने वाले गैंग के दो बदमाशों को दबोचा है। आरोपियों की पहचान प्रभाकर सिंह उर्फ प्रकाश उर्फ टिंकू (24) और मो. इस्राफिल (28) के रूप में हुई है।
दोनों ही आरोपी झारखंड के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर तीन लड़कियों को मुक्त कराया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव ने बताया कि बुधवार को गुमला झारखंड की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) व एक एनजीओ ने दिल्ली के शकरपुर इलाके में एक 15 साल की किशोरी को अगवा कर लाने की सूचना दी थी।
खबर मिलने के बाद पुलिस ने सीडब्ल्यूसी, एनजीओ व लड़की के पिता के साथ मिलकर ई-104 शकरपुर में छापा मारा। पुलिस ने यहां प्रकाश व इस्राफिल को दबोच लिया।
दोनों यहां पर प्लेसमेंट एजेंसी चलाते थे। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर शकरपुर, सूरजमल विहार और पश्चिम विहार से तीन लड़कियों को मुक्त करा लिया।
प्रकाश ने खुलासा किया कि वह झारखंड स्थित गुमला के ग्रामीण इलाके में लड़कियों को चुपचाप नौकरी दिलवाने का झांसा देकर दिल्ली ले आता था। यहां वह 15 हजार में रुपये में इस्राफिल को लड़कियों को बेच देता था।
इस्राफिल आगे इन लड़कियों को 35 हजार रुपये में बेचता था। काम पर रखवाकर भी आरोपी लड़कियों के माता-पिता को कोई पैसा नहीं देते थे।
दोनों ही आरोपी झारखंड के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर तीन लड़कियों को मुक्त कराया है। पुलिस दोनों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव ने बताया कि बुधवार को गुमला झारखंड की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) व एक एनजीओ ने दिल्ली के शकरपुर इलाके में एक 15 साल की किशोरी को अगवा कर लाने की सूचना दी थी।
खबर मिलने के बाद पुलिस ने सीडब्ल्यूसी, एनजीओ व लड़की के पिता के साथ मिलकर ई-104 शकरपुर में छापा मारा। पुलिस ने यहां प्रकाश व इस्राफिल को दबोच लिया।
दोनों यहां पर प्लेसमेंट एजेंसी चलाते थे। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर शकरपुर, सूरजमल विहार और पश्चिम विहार से तीन लड़कियों को मुक्त करा लिया।
प्रकाश ने खुलासा किया कि वह झारखंड स्थित गुमला के ग्रामीण इलाके में लड़कियों को चुपचाप नौकरी दिलवाने का झांसा देकर दिल्ली ले आता था। यहां वह 15 हजार में रुपये में इस्राफिल को लड़कियों को बेच देता था।
इस्राफिल आगे इन लड़कियों को 35 हजार रुपये में बेचता था। काम पर रखवाकर भी आरोपी लड़कियों के माता-पिता को कोई पैसा नहीं देते थे।