In light of the vote counting mobil /मोबाइल की रोशनी में हुई वोट काउंटिंग

Swati
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मतगणना के दौरान सप्लाई ट्रिप न होने और पावर बैक अप की समुचित व्यवस्था रखने के अफसरों के दावे हवाई साबित हुए। भले ही कुछ समय के लिए ही सही लेकिन रजापुर विकास खंड की मतगणना के दौरान रात में सप्लाई चली गई।

जबकि यहां इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए थी। ऐसे संवेदनशील केंद्रों पर एक मिनट के भी लाइट नहीं जानी चाहिए थी। यही नहीं अंधेरा होते ही वहां तैनात पुलिस अफसर ने जेब से मोबाइल निकालकर टॉर्च की रोशनी में काउंटिंग कराई।

अधिकारियों ने दावे किए थे कि मतगणना के दौरान पावर कट नहीं होगा। लगातार जेनरेटर चलाया जाएगा। मगर अधिकारियों के यह दावे लोकमान्य तिलक जनता इंटर कॉलेज में बने मतगणना स्थल पर फेल नजर आए।

रजापुर ब्लाक के जिला एवं क्षेत्र पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान रात करीब साढे़ तीन बजे जेनरेटर बंद हो गया। इस दौरान यहां तैनात पुलिसकर्मी ने तुरंत जेब से मोबाइल निकालकर टॉर्च जला दी।

करीब 10 मिनट तक मोबाइल की रोशनी में ही मतगणना चलती रही। इसके बाद जेनरेटर चालू किया गया। सवाल यह भी है कि जब मतगणना स्थल के अंदर सिर्फ आरओ और एआरओ को ही मोबाइल ले जाने की अनुमति थी, तब ऐसे में पुलिसकर्मी भला कैसे� मोबाइल अंदर ले गया।

दो मिनट हुई बत्ती गुल
एआरओ नितिन मदान का कहना है कि तीन जेनरेटर लगाकर स्पेशल सप्लाई दी गई थी। तार जलने के कारण दो मिनट के लिए सप्लाई बंद हुई थी। पीठासीन अफसर और सुरक्षा अधिकारियों के मोबाइल ले जाने पर रोक नहीं थी।

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