दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए चीफ मिनिस्टर सुपर टैलेंटेड चिल्ड्रन स्कॉलरशिप स्कीम (सीएमएसटीसीएसएस) लॉन्च की है।
पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर स्कीम की शुरुआत प्रतिभा विकास विद्यालय और 54 मॉडल स्कूल के 11-12वीं में पढ़ने वाले 400 छात्र-छात्राओं से होगी।
सुपर टैलेंटेड स्टूडेंट्स का चयन करने के लिए एक सप्ताह के भीतर टेस्ट लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को हुए कैबिनेट के इस फैसले के बारे में बताया।
टेस्ट में चुने गए 11वीं के 250 और 12वीं के 150 छात्रों को सरकार अपने खर्च पर फिट्जी, आकाश और विद्या मंदिर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में कोचिंग दिलवाएगी।
मनीष ने तर्क दिया कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अच्छा स्कोर कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण आईआईटी, मेडिकल, इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं ले पाते।
जबकि आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज में प्रवेश के लिए सिर्फ रेगुलर क्लास में पढ़ने से काम नहीं चलता।
मनीष सिसोदिया ने बताया कि 11वीं से चुने जाने वाले छात्र को कम से कम 850 घंटे की ट्रेनिंग घर के नजदीक प्रतिष्ठित संस्थान में दिलाई जाएगी।
इसी तरह से 12वीं से चुने जाने वाले छात्रों को 500 घंटे की पढ़ाई या ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं, इन छात्रों को घर से संस्थान तक आने-जाने के लिए फ्री डीटीसी और मेट्रो का पास दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने विद्या मंदिर, फिट्जी और आकाश को चयनित किया है। ये तीनों संस्थान अपनी मूल फीस के एक तिहाई राशि पर सरकारी स्कूलों के छात्रों को पढ़ाने के लिए तैयार हैं।
इन छात्रों की निगरानी मॉडल टेस्ट पेपर से करने के अलावा अभिभावकों को फीडबैक भी देंगे। यही नहीं, जिस भी स्कूल का छात्र होगा, उसके प्रिंसिपल को ऑनलाइन सूचनाएं भी देंगे।
स्कॉलरशिप स्कीम में अभी साइंस के छात्र शामिल हैं। आगे इसमें कॉमर्स और आर्ट्स के छात्रों को भी जोड़ा जाएगा। अभी प्रतिभा विकास विद्यालय और मॉडल स्कूल से छात्र चुने जाएंगे जिसे अगले साल सभी स्कूलों के साथ जोड़ दिया जाएगा।
पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर स्कीम की शुरुआत प्रतिभा विकास विद्यालय और 54 मॉडल स्कूल के 11-12वीं में पढ़ने वाले 400 छात्र-छात्राओं से होगी।
सुपर टैलेंटेड स्टूडेंट्स का चयन करने के लिए एक सप्ताह के भीतर टेस्ट लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को हुए कैबिनेट के इस फैसले के बारे में बताया।
टेस्ट में चुने गए 11वीं के 250 और 12वीं के 150 छात्रों को सरकार अपने खर्च पर फिट्जी, आकाश और विद्या मंदिर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में कोचिंग दिलवाएगी।
मनीष ने तर्क दिया कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अच्छा स्कोर कर रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण आईआईटी, मेडिकल, इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग नहीं ले पाते।
जबकि आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज में प्रवेश के लिए सिर्फ रेगुलर क्लास में पढ़ने से काम नहीं चलता।
मनीष सिसोदिया ने बताया कि 11वीं से चुने जाने वाले छात्र को कम से कम 850 घंटे की ट्रेनिंग घर के नजदीक प्रतिष्ठित संस्थान में दिलाई जाएगी।
इसी तरह से 12वीं से चुने जाने वाले छात्रों को 500 घंटे की पढ़ाई या ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं, इन छात्रों को घर से संस्थान तक आने-जाने के लिए फ्री डीटीसी और मेट्रो का पास दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने विद्या मंदिर, फिट्जी और आकाश को चयनित किया है। ये तीनों संस्थान अपनी मूल फीस के एक तिहाई राशि पर सरकारी स्कूलों के छात्रों को पढ़ाने के लिए तैयार हैं।
इन छात्रों की निगरानी मॉडल टेस्ट पेपर से करने के अलावा अभिभावकों को फीडबैक भी देंगे। यही नहीं, जिस भी स्कूल का छात्र होगा, उसके प्रिंसिपल को ऑनलाइन सूचनाएं भी देंगे।
स्कॉलरशिप स्कीम में अभी साइंस के छात्र शामिल हैं। आगे इसमें कॉमर्स और आर्ट्स के छात्रों को भी जोड़ा जाएगा। अभी प्रतिभा विकास विद्यालय और मॉडल स्कूल से छात्र चुने जाएंगे जिसे अगले साल सभी स्कूलों के साथ जोड़ दिया जाएगा।