Delhi's environment in the world, unclean and dangerous / दिल्ली की आबोहवा दुनिया में सबसे खतरनाक'

Swati
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राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण फैलाने वाले भारी वाहनों का प्रवेश जारी है। ट्रकों से हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट की महिला अधिवक्ता संघ ने एनजीटी में याचिका दाखिल की है।

इसमें बताया है कि दिल्ली की विभिन्न प्रवेश सीमाओं से रोजाना 80 हजार ट्रकों का प्रवेश होता है। इनसे निकलने वाले खतरनाक धुएं से जानलेवा वायु प्रदूषण हो रहा है।

मसलन, जो सांस आप ले रहे हैं वो खतरनाक श्वास रोग के साथ कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को दावत दे सकती हैं। एसोसिएशन की ओर से एडवोकेट भक्ति पसरिजा सेठी और प्रेरणा कुमारी ने याचिका दायर की है।

उन्होंने दिल्ली में व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सीमा पर स्पेशल पुलिस फोर्स लगाने और भारी वाहनों के डायवर्जन को लेकर की आदेश दने की अपील की है।

याचिका में म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन का हवाला देते हुए कहा गया है कि दिल्ली में हर दिन प्रवेश करने वाले करीब 80 हजार ट्रकों में अधिकांश की प्रदूषण जांच नहीं होती।

ज्यादातर ट्रक वाले एमसीडी बूथ पर पुलिस को पैसे देकर निकल जाते हैं। इन ट्रकों से निकलने वाले धुएं से खतरनाक पीएम 2.5 उत्सर्जित होता है। दिल्ली की हवा में मौजूद पीएम 2.5 में इन ट्रकों की कुल हिस्सेदारी 65 फीसदी है। 

एनएच पर लगता है ट्रकों का रेला-

6 दिसंबर 2001 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध का आदेश दिया था। इसके बावजूद हर रात 11 बजे के बाद नेशनल हाईवे पर ट्रकों का जमघट लगता है।

खासतौर से इनमें दिल्ली-जयपुर हाईवे और एनएच 8 के� दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर ट्रकों की कतार रहती है। इसके कारण सड़कों पर घंटों जाम भी रहता है।

एनजीटी में जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाल ही में दिल्ली की कुल 53 प्रवेश सीमाओं पर आने वाली भारी गाड़ियों के प्रदूषण की जांच को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी।

इसके बाद तीन प्रवेश सीमाओं पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने जांच शुरू की थी। वहीं बेंच के सामने पेश स्टेटस रिपोर्ट के दौरान सरकार की काउंसिल ने कहा था कि उनके पास भारी वाहनों के प्रदूषण जांच को लेकर कोई उपकरण मौजूद नहीं है।

ये भी कह चुके दिल्ली की हवा का हाल बुरा 
1.� सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉय चौधरी का कहना है कि ट्रकों से निकलने वाले खतरनाक धुएं से सिर्फ पर्टिकुलर मैटर का ही नहीं, बल्कि सांसों की बीमारी पैदा करने वाले नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा भी हवा में बढ़ रही है। �

2. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 7 मई 2014 को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली पूरी दुनिया में सबसे प्रदूषित शहर है। यह रिपोर्ट 91 देशों के कुल 1600 शहरों के वायु गुणवत्ता जांच पर आधारित थी। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की हवा में मौजूद बारीक (पर्टिकुलर मैटर 2.5) खतरनाक कण, चीन के बीजिंग शहर से भी कई गुना ज्यादा थी। 

3. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के 26 जनवरी 2015 को भारतीय दौरे के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया में दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर रिपोर्ट छापी गई और कहा गया था कि दिल्ली की हवा दुनिया में सबसे ज्यादा अशुद्ध है। 

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