कासना कोतवाली क्षेत्र के चाई सेक्टर में सेक्स रैकेट में मामले में गिरोह को चलाने वाली अन्नू को कई बड़े अफसरों का संरक्षण प्राप्त था। यही कारण था कि जब पुलिस अफसर उसके अड्डे पर छापा मारने जाते थे तो अन्नू उन्हें बैरंग लौटा देती थी।
अन्नू के बारे में ऐसी जानकारी मिलने के बाद अब� पुलिस ने उसकी कुंडली निकालनी शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो करीब एक दशक पहले नोएडा के एक अस्पताल में नर्स का काम करने वाली अन्नू को सेक्स रैकेट में शामिल पाया गया था।
उसके गिरफ्तार होने के बाद से उसके पति ने उससे संबंध विच्छेद कर लिए थे। इसके बाद से वो पति से अलग रह रही है। उसने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई स्थानों पर सेक्स रैकेट चला रखे थे। ग्रेनो में पिछले कई सालों से उसने देह व्यापार का धंधा चला रखा था।
सूत्रों की मानें तो गिरोह की युवतियां जब भी किसी ग्राहक के पास जाती थी तो एक स्पाई कैमरा लगाकर जाती थी। संबंधित ग्राहक से बातचीत और कुछ अश्लील वीडियो एवं ऑडियो तैयार किया जाता था।
इसके बाद उस क्लिपिंग को लैपटॉप में सुरक्षित रख दिया जाता था। जिससे भविष्य में वह अफसर या व्यक्ति आंख दिखाए तो उसे चुप कराया जा सके।
यही नहीं क्लिपिंग दिखाकर बिल्डर, नेता और एक अफसर से पैसे भी ऐंठे गए हैं। मगर अब यह लैपटॉप कहां है उसका पता नहीं चल रहा है।
इस लैपटॉप के बारे में पुलिस को बाद में जानकारी मिली थी। अब पुलिस उसे तलाशने में जुटी है, जिससे पुलिस अफसरों और नेताओं तथा अन्य लोगों का खुलासा किया जा सके।
अन्नू के बारे में ऐसी जानकारी मिलने के बाद अब� पुलिस ने उसकी कुंडली निकालनी शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो करीब एक दशक पहले नोएडा के एक अस्पताल में नर्स का काम करने वाली अन्नू को सेक्स रैकेट में शामिल पाया गया था।
उसके गिरफ्तार होने के बाद से उसके पति ने उससे संबंध विच्छेद कर लिए थे। इसके बाद से वो पति से अलग रह रही है। उसने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई स्थानों पर सेक्स रैकेट चला रखे थे। ग्रेनो में पिछले कई सालों से उसने देह व्यापार का धंधा चला रखा था।
सूत्रों की मानें तो गिरोह की युवतियां जब भी किसी ग्राहक के पास जाती थी तो एक स्पाई कैमरा लगाकर जाती थी। संबंधित ग्राहक से बातचीत और कुछ अश्लील वीडियो एवं ऑडियो तैयार किया जाता था।
इसके बाद उस क्लिपिंग को लैपटॉप में सुरक्षित रख दिया जाता था। जिससे भविष्य में वह अफसर या व्यक्ति आंख दिखाए तो उसे चुप कराया जा सके।
यही नहीं क्लिपिंग दिखाकर बिल्डर, नेता और एक अफसर से पैसे भी ऐंठे गए हैं। मगर अब यह लैपटॉप कहां है उसका पता नहीं चल रहा है।
इस लैपटॉप के बारे में पुलिस को बाद में जानकारी मिली थी। अब पुलिस उसे तलाशने में जुटी है, जिससे पुलिस अफसरों और नेताओं तथा अन्य लोगों का खुलासा किया जा सके।