Mentally challenged girl wins 4 medals special olympic in los angeles / क्या इस फूलन देवी को जानते हैं आप जिसने बढ़ाई देश की शान

Swati
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बुधवार को आधीरात के कुछ पहर ही बीते थे और देश के लिए एक गौरवमयी क्षण ‌इंतजार कर रहा था। वह भी एक ऐसे नाम की वजह से जो कभी दुर्दांत महिला डकैत का था। लेकिन आज ये भारत की ऐसी विलक्षण खिलाड़ी का नाम है जिसने भारत को स्पेशल ओलंपिक में 1 गोल्ड समेत चार मेडल दिलाए हैं। वो है खिलाड़ी नंबर 105।

ये कोई और नहीं भारत की फूलन देवी थी जिसने कुछ ही देर पहले F4 पॉवरलिफ्टिंग कैटेगरी में 35 किग्रा भारवर्ग बेंचप्रेसिंग में स्वर्ण पदक जीता था।

ज्यादा कुछ तो नहीं मात्र कुछ कपड़ों के साथ भारत से इतनी दूर पहुंची, 4 साल पहले परिवार द्वारा छोड़ी हुई 16 साल की मैंटली चैलेंज्ड फूलन के पांव आज जमीं पर नहीं थे। उसने सारा जहां जीत लिया था और दिखा दिया था कि वो हर मामले में नंबर 1 है।

लॉस एंजेलिस में हो रहे स्पेशल ओलंपिक खेलों में फूलन और उसके 9 और साथियों ने मिलकर भारत के लिए 6 मेडल जीते हैं, जिसमें 2 स्वर्ण और बाकी कांस्य पदक हैं। यह सभी बच्चे दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण होम के रहने वाले हैं।

आशा किरण होम के ये एथलीट्स 2013 के एशिया पैसिफिक खेलों की तरह निश्चित ही इन खेलों में भाग नहीं ले पाते अगर विदेश मंत्रालय से इन्हें मदद ना मिली होती।

2013 में इन खिलाड़ियों को इसलिए भाग नहीं लेने दिया गया क्योंकि इनका पासपोर्ट नहीं बना था। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि न इनके पिता, न जन्म का पता था और ना ही इनकी उम्र किसी को पता थी।

लॉस एंजेलिस में हो रहे स्पेशल ओलंपिक खेलों में फूलन और उसके 9 और साथियों ने मिलकर भारत के लिए 6 मेडल जीते हैं, जिसमें 2 स्वर्ण और बाकी कांस्य पदक हैं। यह सभी बच्चे दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण होम के रहने वाले हैं।

आशा किरण होम के ये एथलीट्स 2013 के एशिया पैसिफिक खेलों की तरह निश्चित ही इन खेलों में भाग नहीं ले पाते अगर विदेश मंत्रालय से इन्हें मदद ना मिली होती।

2013 में इन खिलाड़ियों को इसलिए भाग नहीं लेने दिया गया क्योंकि इनका पासपोर्ट नहीं बना था। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि न इनके पिता, न जन्म का पता था और ना ही इनकी उम्र किसी को पता थी।

फूलन के बारे में सबको इतना ही पता है कि पुलिस ने उसे 2011 में सनलाइट कॉलोनी से बरामद किया था इंस्टीट्यूट ऑफ ह्युमन बिहेवियर एंड अलायड साइंसेज में भर्ती करा दिया।

जहां से उसे अक्टूबर में चाइल्ड वेल्फेयर कमिटी की आदेश पर आशा किरण भेज दिया गया। फूलन के बारे में जो प‌ुख्ता जानकारी आशा किरण दे सकता है वो ये कि उसका आईक्यू 46 है।

दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे आशा किरण होम में 42 और लोगों के साथ कमरा बांटने वाली फूलन चार साल के छोटे से समय में विभिन्न खेलों में 40 से भी ज्यादा पुरस्कार जीत चुकी है।

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