दिल्ली यूनिवर्सिटी में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला कराने के मामले में शुक्रवार को आरोपियों ने एक नया खुलासा किया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि इस पूरे गोरखधंधे के पीछे मालवीय नगर से कांग्रेसी यूथ विंग के जिला अध्यक्ष इंद्रजीत उर्फ काकू का हाथ है।
इंद्रजीत एडमिशन रैकेट किंगपिन (गैंग लीडर) बताया जा रहा है। पुलिस की मानें तो फिलहाल इंद्रजीत अभी फरार है। उसकी तलाश में क्राइम ब्रांच की टीमें दिल्ली, यूपी और हरियाणा में छापेमारी कर रही हैं।
आरोपियों ने हिमांशु और सतीश नामक नामों का और खुलासा किया है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंद्रजीत अरबिंदो कॉलेज का छात्र रहा है।
उसने कई बार एनएसयूआई से कॉलेज के चुनाव भी लड़े। इसके बाद वह यूथ कांग्रेस से जुड़ गया। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि सुनील पवार के अलावा हिमांशु गुप्ता नामक आरोपी भी बरामद के साझेदार रहे हैं।
वहीं सतीश नामक एक आरोपी का भी नाम सामने आ रहा है। सुनील को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि हिमांशु अभी फरार है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2011 में क्राइम ब्रांच ने हिमांशु को डीयू में फर्जी दाखिलों के मामले में गिरफ्तार भी किया था।
उस समय सुनील को भी दबोच गया था, लेकिन सबूतों के आभाव में सुनील को छोड़ दिया गया था, जबकि हिमांशु जमानत पर छुट गया था।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि इंद्रजीत उर्फ काकू के साउथ कैंपस के कॉलेज में अच्छी पकड़ है। उसे कॉलेज का स्टॉफ भी अच्छी तरह जानता है
इसी का फायदा उठाकर यह फर्जी कागजातों के आधार पर दाखिला करा लिया करते थे। बाद में कॉलेज के कर्मचारी इन दाखिलों के कागजात की छानबीन भी नहीं किया करते थे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी सिर्फ 22 दाखिलों का पता चला है, लेकिन गैंग ने करीब 200 से अधिक दाखिले इस साल करवाए हैं। कॉलेजों को नोटिस देकर जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने डीयू में फर्जी कागजात के आधार पर एडमिशन कराने वाले गैंग का पर्दाफाश कर चार आरोपियों सुनील, रंचित, जुबैर प्रवीन को गिरफ्तार किया था।