पीएफ कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, मिल रहा इतने लाख रुपये तक का फायदा, जानें सबकुछ

Swati
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पीएफ कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, मिल रहा इतने लाख रुपये तक का फायदा, जानें सबकुछ
Jan 25th 2022, 10:46, by vipin kumar

नई दिल्लीः

अगर आप कहीं सरकारी या गैरसरकारी नौकरी करते हैं तो फिर आपकी मौज है, कयोंकि यह खबर आपके बहुत काम आने वाली है। पीएफ काटने वाली संस्था ईपीएफओ अपने कर्मचारियों को नई-नई सुविधा प्रदान करती रहती है, जिसका बड़े स्तर पर फायदा भी मिलता है। 

ईपीएफओ ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सुविधा मिल रही है। सभी सदस्यों के लिए 7 लाख रुपये तक का फ्री बीमा रहता है। यह बीमा EDLI यानी इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम के तहत होता है।

हर EPF खाताधारक EDLI स्कीम में कवर होता है। EDLI स्कीम के तहत क्लेम, मेंबर इंप्लॉई के नॉमिनी की ओर से इंप्लॉई की किसी बीमारी से मृत्यु, दुर्घटना में मृत्यु या स्वाभाविक मृत्यु होने पर किया जा सकता है।

इसमें कोरोना से होने वाली मृत्यु के मामले में भी क्लेम किया जा सकता है। EDLI स्कीम का कवर उन कर्मचारियों के पीड़ित परिवार के लिए भी है, जिन्होंने मृत्यु से ठीक पहले 12 महीनों के अंदर एक से अधिक प्रतिष्ठानों में नौकरी की हो।

वहीं, EDLI स्कीम में क्लेम के पैसों का भुगतान एकमुश्त होता है। EDLI में इंप्लॉई को कोई रकम नहीं देनी होती है। इसमें केवल कंपनी की ओर से योगदान होता है। अगर स्कीम के तहत कोई नॉमिनेशन नहीं हुआ है तो कवरेज के मृत कर्मचारी का जीवनसाथी, कुंवारी बच्चियां और नाबालिग बेटे लाभार्थी होंगे। 

किसी सदस्य की मृत्यु हुई है वह EPF का एक्टिव कॉन्ट्रीब्यूटर होना चाहिए। सदस्य की मौत के वक्त तक उसकी ओर से पीएफ में योगदान जारी होना चाहिए। EDLI स्कीम में न्यूनतम बीमा राशि 2.5 लाख रुपये है।

वहीं, ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी+DA का 12 प्रतिशत इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड EPF में जाता है। 12 प्रतिशत का ही योगदान कंपनी/नियोक्ता की ओर से भी होता है, लेकिन नियोक्ता के 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में चला जाता है और बाकी EPF में।

EDLI स्कीम में क्लेम की गणना कर्मचारी को मिली आखिरी 12 माह की बेसिक सैलरी+DA के आधार पर की जाती है। ताजा संशोधन के तहत अब इस इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी+DA का 35 गुना है, जो पहले 30 गुना होता था। साथ ही अब 1.75 लाख रुपये का मैक्सिमम बोनस रहेगा, जो पहले 1.50 लाख रुपये मैक्सिमम था। 

अगर EPF सब्सक्राइबर की असमय मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं। क्लेम करने वाला माइनर यानी 18 साल से कम उम्र का है तो उसकी तरफ से उसका अभिभावक क्लेम कर सकता है। 

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