दिल्ली सरकार का सम-विषम फॉर्मूला शुक्रवार से लागू होगा लेकिन जो टीमें सड़क पर इसे लागू कराएंगी, उसका ट्रायल आज सुबह शुरू होने वाला था जो मंत्री गोपाल राय के न पहुंचने से अब तक नहीं हुआ है।
इसमें ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग, एसडीएम, सिविल डिफेंस, एनसीसी, एनएसएस के वालिंटियर्स सड़क पर रहेंगे। आज सुबह 9 से 11 बजे बिना चालान के लागू किया जाना था। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने को-आर्डिनेशन ट्रायल को लेकर बैठक की।
दिल्ली सरकार ने सम विषम फॉर्मूले में एलपीजी चालक वाहनों को छूट नहीं है। फॉर्मूले के हिसाब से उल्लंघन करने पर एलपीजी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होगी। एक निजी चैनल पर परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि एलपीजी वाहनों को छूट नहीं है।
राजधानी में प्रदूषण थामने की मुहिम में सम-विषम योजना को एनसीआर का साथ नहीं मिला है। वहां के स्थानीय प्रशासन के सहयोग न देने के चलते अब डीटीसी इंटर स्टेट रूट पर 15 दिन के स्पेशल परमिट की बसों को नहीं उतार रही है।
गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ व बहादुरगढ़ के रूट पर सिर्फ डीटीसी की बस ही सेवाएं देगी। वहीं, महिलाओं को पचास फीसदी सीटों का आरक्षण सिर्फ स्कूल की पीली बसों में ही मिलेगा, स्टेट कैरिज परमिट की बसों में नहीं। खास बात यह है कि पंद्रह दिन की स्पेशल परमिट व डीटीसी की एसी बस आठ की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी देगी।
डीटीसी प्रबंधन के मुताबिक, 30 दिसंबर तक पर्यावरण योजना के तहत 2930 बसों के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ है। जबकि परमिट 25 सौ बसों का मिला है, जोकि सिर्फ दिल्ली के अंदर ही चलेंगी।
बुधवार को डीटीसी प्रबंधन की बैठक के बाद फैसला हुआ है कि महिलाओं की सुरक्षा व सुविधा को देखते हुए स्कूलों की पीले रंग की बसों में पचास फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
पीले रंग की स्कूली बसों में डीटीसी के विशेष मार्शल तैनात किए जाएंगे। ये बसें कनॉट प्लेस, नेहरू प्लेस, नई दिल्ली, लुटियन जोन, आईटीओ, भीकाजी कामा प्लेस, सुभाष पैलेस, लक्ष्मी नगर, मुखर्जी नगर, कमला नगर, लाजपत नगर, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, तुगलकाबाद के अलावा डीयू, जामिया, कश्मीरी गेट, आईपीयू व डीटीयू के बीच उतारी जाएंगी।
लाल बसों के ड्राइवर व कंडक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि इन 15 दिनों में डयूटी डिपो में नहीं बल्कि सड़कों पर टाइम के आधार पर कहीं भी बदली जा सकती है। डीटीसी अपनी किसी भी बस का रूट नहीं बदलेगी।
कश्मीरी गेट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच चलने वाले एयरपोर्ट एक्सप्रेस रूट पर सिर्फ डीटीसी की लाल रंग की बस ही सेवाएं देंगी। महिलाएं कंडक्टर सिर्फ डीटीसी की बसों में ही सेवाएं देंगी।
इसके अलावा स्कूल प्रबंधन या फिर स्टेट कैरिज परमिट के मालिक चाहें तो 12 घंटे तक सेवा देने वाली बसों में आठ घंटे के बाद ड्राइवर बदल सकते हैं, लेकिन डीटीसी कंडक्टर नहीं बदलेगी। कंडक्टर को अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा।
इंटर स्टेट की बसों को दिल्ली के बॉर्डर पार करने के बाद जांचने के लिए अधिकारियों की कमी थी। इसके लिए यूपी और हरियाणा के स्थानीय प्रशासन से सहयोग मांगा गया था, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। इसी के चलते डीटीसी ने इंटर स्टेट पर सिर्फ डीटीसी के निर्धारित रूट पर ही बस चलाने का फैसला लिया है। हालांकि इन रूट पर बसों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।
इसमें ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग, एसडीएम, सिविल डिफेंस, एनसीसी, एनएसएस के वालिंटियर्स सड़क पर रहेंगे। आज सुबह 9 से 11 बजे बिना चालान के लागू किया जाना था। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने को-आर्डिनेशन ट्रायल को लेकर बैठक की।
दिल्ली सरकार ने सम विषम फॉर्मूले में एलपीजी चालक वाहनों को छूट नहीं है। फॉर्मूले के हिसाब से उल्लंघन करने पर एलपीजी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होगी। एक निजी चैनल पर परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि एलपीजी वाहनों को छूट नहीं है।
राजधानी में प्रदूषण थामने की मुहिम में सम-विषम योजना को एनसीआर का साथ नहीं मिला है। वहां के स्थानीय प्रशासन के सहयोग न देने के चलते अब डीटीसी इंटर स्टेट रूट पर 15 दिन के स्पेशल परमिट की बसों को नहीं उतार रही है।
गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ व बहादुरगढ़ के रूट पर सिर्फ डीटीसी की बस ही सेवाएं देगी। वहीं, महिलाओं को पचास फीसदी सीटों का आरक्षण सिर्फ स्कूल की पीली बसों में ही मिलेगा, स्टेट कैरिज परमिट की बसों में नहीं। खास बात यह है कि पंद्रह दिन की स्पेशल परमिट व डीटीसी की एसी बस आठ की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी देगी।
डीटीसी प्रबंधन के मुताबिक, 30 दिसंबर तक पर्यावरण योजना के तहत 2930 बसों के लिए रजिस्ट्रेशन हुआ है। जबकि परमिट 25 सौ बसों का मिला है, जोकि सिर्फ दिल्ली के अंदर ही चलेंगी।
बुधवार को डीटीसी प्रबंधन की बैठक के बाद फैसला हुआ है कि महिलाओं की सुरक्षा व सुविधा को देखते हुए स्कूलों की पीले रंग की बसों में पचास फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
पीले रंग की स्कूली बसों में डीटीसी के विशेष मार्शल तैनात किए जाएंगे। ये बसें कनॉट प्लेस, नेहरू प्लेस, नई दिल्ली, लुटियन जोन, आईटीओ, भीकाजी कामा प्लेस, सुभाष पैलेस, लक्ष्मी नगर, मुखर्जी नगर, कमला नगर, लाजपत नगर, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, तुगलकाबाद के अलावा डीयू, जामिया, कश्मीरी गेट, आईपीयू व डीटीयू के बीच उतारी जाएंगी।
लाल बसों के ड्राइवर व कंडक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि इन 15 दिनों में डयूटी डिपो में नहीं बल्कि सड़कों पर टाइम के आधार पर कहीं भी बदली जा सकती है। डीटीसी अपनी किसी भी बस का रूट नहीं बदलेगी।
कश्मीरी गेट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच चलने वाले एयरपोर्ट एक्सप्रेस रूट पर सिर्फ डीटीसी की लाल रंग की बस ही सेवाएं देंगी। महिलाएं कंडक्टर सिर्फ डीटीसी की बसों में ही सेवाएं देंगी।
इसके अलावा स्कूल प्रबंधन या फिर स्टेट कैरिज परमिट के मालिक चाहें तो 12 घंटे तक सेवा देने वाली बसों में आठ घंटे के बाद ड्राइवर बदल सकते हैं, लेकिन डीटीसी कंडक्टर नहीं बदलेगी। कंडक्टर को अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा।
इंटर स्टेट की बसों को दिल्ली के बॉर्डर पार करने के बाद जांचने के लिए अधिकारियों की कमी थी। इसके लिए यूपी और हरियाणा के स्थानीय प्रशासन से सहयोग मांगा गया था, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। इसी के चलते डीटीसी ने इंटर स्टेट पर सिर्फ डीटीसी के निर्धारित रूट पर ही बस चलाने का फैसला लिया है। हालांकि इन रूट पर बसों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।