अब तक तो विपक्ष ही दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना की तैयारी और व्यावहारिकता पर अंगुली उठा रही थी, लेकिन अब हाईकोर्ट ने भी दिल्ली सरकार से इस योजना को लेकर कुछ जवाब मांगे हैं।
गौरतलब है कि आज वकीलों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों को सम-विषम योजना से छूट देने से इंकार कर दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है कि उसने 1 जनवरी से लागू होने वाले सम-विषम योजना से दुपहिया वाहनों और महिलाओं को छूट क्यों दी है? कोर्ट ने इस सवाल का जवाब देने के लिए सरकार को 6 जनवरी तक का समय दिया है।
हालांकि कोर्ट ने दिल्ली सरकार से दुपहिया वाहनों को छूट देने का कारण पूछा है लेकिन बता दें कि सरकार ने ये उम्मीद जताई है कि जल्द ही दुपहिया वाहन भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
इसके साथ ही सरकार हर रोज इसमें कुछ न कुछ बदलाव कर रही है। सरकार का कहना है कि अगर उसका प्रयोग सफल रहा तो अगली बार वो अन्य कई तरह की गाड़ियों को इस योजना में शामिल करेगी।
इसके साथ ही अब सरकार ने नियम तोड़ने पर अब दिन में केवल एक बार ही 2 हजार रुपए का चालान करने की योजना बनाई है।
गौरतलब है कि आज वकीलों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों को सम-विषम योजना से छूट देने से इंकार कर दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है कि उसने 1 जनवरी से लागू होने वाले सम-विषम योजना से दुपहिया वाहनों और महिलाओं को छूट क्यों दी है? कोर्ट ने इस सवाल का जवाब देने के लिए सरकार को 6 जनवरी तक का समय दिया है।
हालांकि कोर्ट ने दिल्ली सरकार से दुपहिया वाहनों को छूट देने का कारण पूछा है लेकिन बता दें कि सरकार ने ये उम्मीद जताई है कि जल्द ही दुपहिया वाहन भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
इसके साथ ही सरकार हर रोज इसमें कुछ न कुछ बदलाव कर रही है। सरकार का कहना है कि अगर उसका प्रयोग सफल रहा तो अगली बार वो अन्य कई तरह की गाड़ियों को इस योजना में शामिल करेगी।
इसके साथ ही अब सरकार ने नियम तोड़ने पर अब दिन में केवल एक बार ही 2 हजार रुपए का चालान करने की योजना बनाई है।