DDCA will not support subramaniam commission / सुब्रह्मण्यम आयोग को सहयोग नहीं करेगा DDCA, लेगा कानूनी राय

Ramandeep Kaur
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दिल्ली सरकार और डीडीसीए के बीच तकरार की नई जमीन तैयार हो रही है। जिसमें केंद्र सरकार ने भी आहुति डालने के संकेत दे दिए हैं।

पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम की ओर से डीडीसीए मामले की जांच शुरू करने की सहमति, दिल्ली सरकार को देने के बाद डीडीसीए ने साफ कर दिया है कि, इस आयोग के समक्ष उनका न तो कोई अधिकारी पेश होगा और न ही उसे कोई कागजात उपलब्ध कराया जाएगा।

डीडीसीए के कार्यकारी अध्यक्ष चेतन चौहान ने अमर उजाला को बताया कि उनकी संस्था दिल्ली सरकार के अधीन नहीं आती है। डीडीसीए कंपनीज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड सोसाइटी है और बीसीसीआई के अधीन आती है। ऐसे में संस्था की आयोग के समक्ष पेश होने की उनकी कोई बाध्यता नहीं बनती है

चौहान ने यहां तक कह दिया है कि अगर सुब्रह्मण्यम आयोग की ओर से उन्हें कोई समन प्राप्त होता है तो वह इस पर कानूनी राय लेंगे। वह अदालत को तो बताने के लिए बाध्य हैं, लेकिन राज्य सरकार के आयोग को नहीं। कुछ भी हुआ तो वह अदालत को जवाब देंगे।

चौहान का कहना है कि हां, केंद्र सरकार की ओर से उन्हें अगर आयोग के समक्ष पेश होने के आदेश दिए गए तो फिर वह इसका पालन करेंगे।

चौहान ने यह भी कहा कि इस मामले में सीबीआई की ओर से भी नोटिस आया है और आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। वह उन्हें सहयोग दे रहे हैं, लेकिन आयोग के सामने वह ऐसा नहीं करेंगे।

दूसरी ओर केंद्र सरकार ने भी यह संकेत दिए हैं कि वह इस मामले में डीडीसीए को किसी तरह के आदेश नहीं देने जा रही है।

पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि संवैधानिक पद पर बैठने वाले व्यक्ति को अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए।

उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उनका कदम संवैधानिक दृष्टि से उचित है या नहीं। जावड़ेकर ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि उनका बस चले तो वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के खिलाफ भी कमेटी गठित कर दें।

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