मोबाइल फोन के रेडिएशन से हमारे शरीर को कोई नुक़सान होता है या नहीं, ये तो पक्के तौर पर कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस बारे में आजकल सुनने और पढ़ने को ख़ूब मिलता है।
अगर आपके मन में मोबाइल फ़ोन के रेडिएशन का ख़तरा बैठा रहता है तो इस पर नज़र रखने में एक मोबाइल ऐप आपकी मदद कर सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने जब मोबाइल फ़ोन के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव के बारे में अपना आखिरी शोध किया तो उनका कहना था कि ये इंसानों के लिए 'शायद कार्सिनोजेनिक' यानी कैंसर पैदा करने वाला होता है।
इसीलिए कई लोग मानते हैं कि जहां तक संभव हो इससे सावधान रहना हमेशा बेहतर होगा।
आप भी अगर रेडिएशन को लेकर चिंतित हैं तो अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर आप क्वांटा मॉनिटर नाम का ऐप डाउनलोड कर इनस्टॉल कर सकते हैं।
जब भी आपके मोबाइल फ़ोन का रेडिएशन एक तय सीमा यानी 1.6 w/kg के ऊपर जाता है, तो क्वांटा मॉनिटर आपके डेटा सर्विस को बंद कर देता है।
इसकी सेटिंग की मदद से आप ये तय कर सकते हैं कि जब फोन आपके कान के पास होगा, जेब में होगा या आपके हाथ में होगा तो डेटा कनेक्टिविटी को ये काट देगा।
लेकिन अगर आपका स्मार्टफोन टेबल पर रखा है और रेडिएशन की तय सीमा के ऊपर जाएगा तो डेटा सर्विस डिसकनेक्ट नहीं होगा।
वैसे क्वांटा मॉनिटर एंड्रॉयड के 4.4 वर्जन के ऊपर के स्मार्टफोन पर काम नहीं करता है। उस स्थिति में ये न तो एप्पल के iOS और न ही नए एंड्रॉयड के ऑपरेटिंग सिस्टम को डेटा टॉगल करने की इजाज़त देते हैं।
ऐसे इलाक़े में जहां मोबाइल फ़ोन कनेक्टिविटी में दिक़्क़त है या सिग्नल कमज़ोर हैं, ऐसी जगह रेडिएशन ज़्यादा होने का खतरा रहता है।