आपको पढ़कर शायद यकीन ना हो लेकिन ये सच है कि अब एक बेटी अपनी मां के संरक्षण में भी सुरक्षित नहीं कही जा सकती है। क्योंकि दिल्ली के हाईकोर्ट में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक बेटी ने अपनी मां के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है। लंबे समय से अपनी मां की हवस का शिकार बनी डीयू की छात्रा ने आखिरकार कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
डीयू में पढ़ने वाली इस छात्रा ने अपनी मां को यौन शोषण का आरोपी बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने छात्रा के माता-पिता को अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर रहने को कहा है।
छात्रा ने पिता पर भी मां का साथ देने का आरोप लगाया है। छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसकी मां उसे जबरदस्ती बुरी तरह छूती है।
छात्रा की शिकायत के अनुसार उसके माता-पिता उसे घर में कई दिन तक कैद रखते हैं और उसे कॉलेज के किसी कार्यक्रम में भाग भी नहीं लेने देते। छात्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि जब भी उसकी मां को उसपर गुस्सा आता है तो वो छात्रा का यौन शोषण करती है और उसके कपड़े भी फाड़ देती है।
अपनी मां द्वारा सताई जा रही इस छात्रा का केस, प्रोटेक्शन ऑफ वीमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट 2005 के सेक्शन 12 के अंतर्गत दर्ज किया गया है। हालांकि हमारे न्याय प्रणाली में मां को घरेलू हिंसा या यौन शोषण का आरोपी नहीं बना सकते हैं। इसी को लेकर कोर्ट ने शिकायतकर्ता पक्ष से सवाल भी किया।
इस पर छात्रा की काउंसेल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय में संभावना जताई है। इसके साथ ही छात्रा की काउंसेल ने कहा कि घरेलू हिंसा मानवाधिकार के दायरे में आता है। कोर्ट ने ये भी पाया कि इस केस में पिता भी शामिल है और इसलिए ये केस डीवी एक्ट के अधीन आएगा।
डीयू में पढ़ने वाली इस छात्रा ने अपनी मां को यौन शोषण का आरोपी बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने छात्रा के माता-पिता को अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर रहने को कहा है।
छात्रा ने पिता पर भी मां का साथ देने का आरोप लगाया है। छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसकी मां उसे जबरदस्ती बुरी तरह छूती है।
छात्रा की शिकायत के अनुसार उसके माता-पिता उसे घर में कई दिन तक कैद रखते हैं और उसे कॉलेज के किसी कार्यक्रम में भाग भी नहीं लेने देते। छात्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि जब भी उसकी मां को उसपर गुस्सा आता है तो वो छात्रा का यौन शोषण करती है और उसके कपड़े भी फाड़ देती है।
अपनी मां द्वारा सताई जा रही इस छात्रा का केस, प्रोटेक्शन ऑफ वीमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट 2005 के सेक्शन 12 के अंतर्गत दर्ज किया गया है। हालांकि हमारे न्याय प्रणाली में मां को घरेलू हिंसा या यौन शोषण का आरोपी नहीं बना सकते हैं। इसी को लेकर कोर्ट ने शिकायतकर्ता पक्ष से सवाल भी किया।
इस पर छात्रा की काउंसेल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय में संभावना जताई है। इसके साथ ही छात्रा की काउंसेल ने कहा कि घरेलू हिंसा मानवाधिकार के दायरे में आता है। कोर्ट ने ये भी पाया कि इस केस में पिता भी शामिल है और इसलिए ये केस डीवी एक्ट के अधीन आएगा।