आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में बगावत थमने का नाम नहीं ले रही। सांसद धर्मवीर गांधी के बाद अब एक और सांसद निशाने पर हैं। आप के प्रदेश लीगल सेल के प्रमुख हिम्मत सिंह शेरगिल ने आरोप लगाया कि सांसद हरिंदर सिंह खालसा ने पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से हाथ मिला लिया है।
वह पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। वह अपने बेटे को राजनीति में फिट करने के लिए बादल परिवार से सौदा कर चुके हैं और आप को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया जा सके।
पटियाला से लोकसभा सदस्य डॉ. धर्मवीर गांधी की बयानबाजी भी गलत है। वह योगेंद्र यादव की बोली बोल रहे हैं। यह दोनों ही नेता आप के अंदर बैठकर पार्टी विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं। वह इसकी रिपोर्ट केंद्रीय नेताओं को देंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
शेरगिल ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी के सांसद जीते थे तो पार्टी हाईकमान ने सभी को अपनी एक साल की परफॉर्मेंस रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन गांधी और खालसा ने खुद को आम के बजाय खास समझते हुए हाईकमान को अपने कामों की कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी। अब आप में आंतरिक गुटबाजी गंभीर रूप धारण कर गई है।
कुछ दिन पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेश इकाई की अनुशासनात्मक कमेटी के पूर्व प्रमुख डॉ. दलजीत सिंह को आप से निष्कासित किया गया है। इससे पहले नए ढांचे को लेकर सांसदों की परस्पर विरोधी बयानबाजी तो चल ही रही है।
वह पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। वह अपने बेटे को राजनीति में फिट करने के लिए बादल परिवार से सौदा कर चुके हैं और आप को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया जा सके।
पटियाला से लोकसभा सदस्य डॉ. धर्मवीर गांधी की बयानबाजी भी गलत है। वह योगेंद्र यादव की बोली बोल रहे हैं। यह दोनों ही नेता आप के अंदर बैठकर पार्टी विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं। वह इसकी रिपोर्ट केंद्रीय नेताओं को देंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
शेरगिल ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी के सांसद जीते थे तो पार्टी हाईकमान ने सभी को अपनी एक साल की परफॉर्मेंस रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन गांधी और खालसा ने खुद को आम के बजाय खास समझते हुए हाईकमान को अपने कामों की कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी। अब आप में आंतरिक गुटबाजी गंभीर रूप धारण कर गई है।
कुछ दिन पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेश इकाई की अनुशासनात्मक कमेटी के पूर्व प्रमुख डॉ. दलजीत सिंह को आप से निष्कासित किया गया है। इससे पहले नए ढांचे को लेकर सांसदों की परस्पर विरोधी बयानबाजी तो चल ही रही है।