मैं तो बिना बुलाए भगवान के दर पर भी न जाऊं। यह कहना है हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का। आजकल उनके और सीएम खट्टर के बीच तनातनी चल रही है।
मुद्दा है परिणीति चोपड़ा को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाना। माना जा रहा है कि इसी वजह से विज ने गुड़गांव के कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। गुड़गांव में पूरी सरकार जुटी, लेकिन विज नहीं पहुंचे।
परिणीति को ब्रांड अंबेसडर बनाने को लेकर लिए गए निर्णय के मामले में नजरंदाज किए गए स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को हुए कार्यक्रम का बहिष्कार किया। विज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि बिना बुलाए तो वह भगवान के यहां भी न जाएं।
वहीं प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री कविता जैन का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री को निमंत्रण पत्र भेजा गया था। जबकि विज ने कविता के बयान पर सफाई दी है कि अभी तक उनके पास निमंत्रण पहुंचा ही नहीं। अगर उन्होंने निमंत्रण भेजा होगा तो वह रास्ते में होगा।
विज ने निमंत्रण पत्र मिलने की बात को खारिज करते हुए कहा कि गुड़गांव के कार्यक्रम में स्वास्थ्य महकमे को अहमियत नहीं दी गई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पानीपत में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के अलावा महिला बाल विकास मंत्री कविता जैन को ही मंच पर जगह दी गई थी। शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री समाने के मंच पर बैठे थे। मोदी के मंच पर दोनों मंत्रियों को स्थान नहीं मिला था।
यह है सरकारी तर्क :
बेटी बचाओ अभियान की जिम्मेदारी सिर्फ महिला बाल विकास विभाग की है, क्योंकि गुड़गांव के कार्यक्रम के लिए भी पिछले कई दिनों से चल रहे विज्ञापनों में कविता जैन और राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी का ही नाम प्रकाशित हुआ है।
विज की दलील
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में भले ही स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की अहम जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें अहमियत नहीं जा दी रही है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की माने तो बेटी बचाने में जहां स्वास्थ्य महकमे की अहम जिम्मेदारी है, तो वहीं बेटी पढ़ाने का काम शिक्षा विभाग का है।
सीएम मेरे घनिष्ठ मित्र:
अनिल विज ने मंगलवार को मंत्री समूह की बैठक में शामिल होने से महज दस मिनट पहले ट्वीट कर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को अपना सबसे करीबी मित्र बताया। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री मेरे घनिष्ठ मित्र, न कोई मतभेद, न कोई मनभेद। चर्चा है कि मंत्री समूह की बैठक में भी विज के गुड़गांव जाने को लेेकर चर्चा की गई।
मुद्दा है परिणीति चोपड़ा को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाना। माना जा रहा है कि इसी वजह से विज ने गुड़गांव के कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। गुड़गांव में पूरी सरकार जुटी, लेकिन विज नहीं पहुंचे।
परिणीति को ब्रांड अंबेसडर बनाने को लेकर लिए गए निर्णय के मामले में नजरंदाज किए गए स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को हुए कार्यक्रम का बहिष्कार किया। विज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि बिना बुलाए तो वह भगवान के यहां भी न जाएं।
वहीं प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री कविता जैन का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री को निमंत्रण पत्र भेजा गया था। जबकि विज ने कविता के बयान पर सफाई दी है कि अभी तक उनके पास निमंत्रण पहुंचा ही नहीं। अगर उन्होंने निमंत्रण भेजा होगा तो वह रास्ते में होगा।
विज ने निमंत्रण पत्र मिलने की बात को खारिज करते हुए कहा कि गुड़गांव के कार्यक्रम में स्वास्थ्य महकमे को अहमियत नहीं दी गई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पानीपत में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के अलावा महिला बाल विकास मंत्री कविता जैन को ही मंच पर जगह दी गई थी। शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री समाने के मंच पर बैठे थे। मोदी के मंच पर दोनों मंत्रियों को स्थान नहीं मिला था।
यह है सरकारी तर्क :
बेटी बचाओ अभियान की जिम्मेदारी सिर्फ महिला बाल विकास विभाग की है, क्योंकि गुड़गांव के कार्यक्रम के लिए भी पिछले कई दिनों से चल रहे विज्ञापनों में कविता जैन और राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी का ही नाम प्रकाशित हुआ है।
विज की दलील
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में भले ही स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग की अहम जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें अहमियत नहीं जा दी रही है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की माने तो बेटी बचाने में जहां स्वास्थ्य महकमे की अहम जिम्मेदारी है, तो वहीं बेटी पढ़ाने का काम शिक्षा विभाग का है।
सीएम मेरे घनिष्ठ मित्र:
अनिल विज ने मंगलवार को मंत्री समूह की बैठक में शामिल होने से महज दस मिनट पहले ट्वीट कर मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को अपना सबसे करीबी मित्र बताया। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री मेरे घनिष्ठ मित्र, न कोई मतभेद, न कोई मनभेद। चर्चा है कि मंत्री समूह की बैठक में भी विज के गुड़गांव जाने को लेेकर चर्चा की गई।