अगली बार जब आप वाहन खरीदने के लिए शोरूम जाएंगे। वहां कार डीलर्स रजिस्टर दिखाकर आपसे पसंदीदा नंबर के बारे में नहीं पूछेंगे। आप आरटीओ कार्यालय से सिफारिश लगाकर भी मनपसंद नंबर हासिल नहीं कर पाएंगे।
जी हां, क्योंकि आपकी नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर अब कोई अधिकारी, डीलर या सिफारिशी तय नहीं करेगा। यह काम अब कंप्यूटर करेगा।
दिल्ली परिवहन विभाग ने एमएलओ ऑफिस में वाहन फोर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जहां नंबर क्लाउड पर होगा। वहीं से आपके गाड़ी का नंबर तय होगा।
जी हां, क्योंकि आपकी नई गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर अब कोई अधिकारी, डीलर या सिफारिशी तय नहीं करेगा। यह काम अब कंप्यूटर करेगा।
दिल्ली परिवहन विभाग ने एमएलओ ऑफिस में वाहन फोर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जहां नंबर क्लाउड पर होगा। वहीं से आपके गाड़ी का नंबर तय होगा।