सीरियल रेपिस्ट रविंद्र का केस रोहिणी कोर्ट का कोई वकील नहीं लड़ेगा। रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने बृहस्पतिवार को यह निर्णय लेकर इसे सार्वजनिक भी कर दिया।
बार का कहना है कि ऐसा घिनौना अपराध करने वाले आरोपियों का मुकदमा लड़ने से वकीलों को बचना चाहिए। बार एसोसिएशन के मुताबिक, रोहिणी कोर्ट का कोई भी वकील रविंद्र का मुकदमा नहीं लड़ेगा।
वकीलों की समाज के प्रति जिम्मेदारी है और इसलिए वकीलों को ऐसे आरोपियों के मुकदमे नहीं लड़ने चाहिए। अगर किसी दूसरी बार का वकील रविंद्र का मुकदमा लड़ता है तो उसका विरोध नहीं करेंगे।
रोहिणी बार एसोसिएशन के सचिव राजीव तेहलान का कहना है कि उनकी बार का कोई वकील रविंद्र का मुकदमा नहीं लड़ेगा लेकिन उसे वकील मिलना कानूनन जरूरी है। अगर सरकार उसे वकील देती है तो अलग बात है।
इसे पहले 30 से ज्यादा नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी रविंद्र पर को अदालत परिसर में दो वकीलों ने हमला कर दिया। पुलिस सुरक्षा के बीच चल रहे रविंद्र को वकीलों ने थप्पड़ जड़ कर अपना आक्रोश जताया।
अदालत ने आरोपी रविंद्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। रविंद्र की रिमांड अवधि खत्म होने पर उसे रोहिणी अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के समक्ष पेश किया गया।
अदालत ने उसकी रिमांड अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए पांच अगस्त तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया।
पुलिस जब रविंद्र को लॉकअप की ओर लेकर जा रही थी तभी अचानक वकील सुरेंद्र त्यागी व योगेश पांडे ने आरोपी को थप्पड़ जड़ दिए। पुलिस ने फौरन बीच-बचाव कर रविंद्र को वकीलों से बचाया।
इससे पहले बेगमपुर थाना पुलिस ने अदालत में अपने आवेदन में कहा कि आरोपी ने कई वारदात को स्वीकार किया है। उसके खिलाफ कई थानों में मामले में दर्ज हैं।
उसके� खिलाफ 27 मामले सामने आए, जिनमें से 15 मामले की पुष्टि हो चुकी है और 12 मामलों की पुष्टि बाकी है।
बार का कहना है कि ऐसा घिनौना अपराध करने वाले आरोपियों का मुकदमा लड़ने से वकीलों को बचना चाहिए। बार एसोसिएशन के मुताबिक, रोहिणी कोर्ट का कोई भी वकील रविंद्र का मुकदमा नहीं लड़ेगा।
वकीलों की समाज के प्रति जिम्मेदारी है और इसलिए वकीलों को ऐसे आरोपियों के मुकदमे नहीं लड़ने चाहिए। अगर किसी दूसरी बार का वकील रविंद्र का मुकदमा लड़ता है तो उसका विरोध नहीं करेंगे।
रोहिणी बार एसोसिएशन के सचिव राजीव तेहलान का कहना है कि उनकी बार का कोई वकील रविंद्र का मुकदमा नहीं लड़ेगा लेकिन उसे वकील मिलना कानूनन जरूरी है। अगर सरकार उसे वकील देती है तो अलग बात है।
इसे पहले 30 से ज्यादा नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी रविंद्र पर को अदालत परिसर में दो वकीलों ने हमला कर दिया। पुलिस सुरक्षा के बीच चल रहे रविंद्र को वकीलों ने थप्पड़ जड़ कर अपना आक्रोश जताया।
अदालत ने आरोपी रविंद्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। रविंद्र की रिमांड अवधि खत्म होने पर उसे रोहिणी अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव के समक्ष पेश किया गया।
अदालत ने उसकी रिमांड अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए पांच अगस्त तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया।
पुलिस जब रविंद्र को लॉकअप की ओर लेकर जा रही थी तभी अचानक वकील सुरेंद्र त्यागी व योगेश पांडे ने आरोपी को थप्पड़ जड़ दिए। पुलिस ने फौरन बीच-बचाव कर रविंद्र को वकीलों से बचाया।
इससे पहले बेगमपुर थाना पुलिस ने अदालत में अपने आवेदन में कहा कि आरोपी ने कई वारदात को स्वीकार किया है। उसके खिलाफ कई थानों में मामले में दर्ज हैं।
उसके� खिलाफ 27 मामले सामने आए, जिनमें से 15 मामले की पुष्टि हो चुकी है और 12 मामलों की पुष्टि बाकी है।