नाबालिग से दुराचार करने के मामले में आरोपी को अदालत ने दस साल का कठोर कारावास और 11,000 रुपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। अदालत ने पीड़िता के पक्ष में पीड़िता हर्जाना स्कीम के तहत 25,000 रुपये और आरोपी के जुर्माने की आधी राशि बतौर हर्जाना अदा करने के आदेश दिए हैं। मामला हिमाचल के मंडी जिले का है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पीड़िता वर्ष 2013 में 15 वर्ष की थी। उसने अपनी माता को बताया कि एक महीने पहले आरोपी ने उसके साथ दो बार दुराचार किया था। पीड़िता की मानसिक क्षमता कमजोर है। आरोपी ने उसे 100 रुपये का नोट दिखाकर उसे मोबाइल पर अश्लील फिल्में दिखाई थीं। आरोपी ने इस बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी।
उपमंडल अधिकारी सरकाघाट को शिकायत देने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे हिरासत में लिया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी आरके कौशल ने 16 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ नाबालिग से दुराचार और उसे जान की मारने की धमकी देने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं पर पीड़िता के पक्ष में हर्जाना राशि अदा करने का भी फैसला सुनाया है।
उपमंडल अधिकारी सरकाघाट को शिकायत देने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे हिरासत में लिया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी आरके कौशल ने 16 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित किया।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ नाबालिग से दुराचार और उसे जान की मारने की धमकी देने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं पर पीड़िता के पक्ष में हर्जाना राशि अदा करने का भी फैसला सुनाया है।