सोने की कीमतें 4 फीसदी की गिरावट के साथ पांच वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गई। वैश्विक बाजार में पांच वर्ष से अधिक समय के निचले स्तर पर आने के बाद वायदा बाजार में सोने की कीमतें 25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गईं।
सोने की कीमतें गिरने के कारण बहुत से लोग सोना खरीदने भी लग गए होंगे, लेकिन बहुत से दुकानदार ऐसे मौकों पर मिलावट का धंधा भी शुरू कर देते हैं। आइए जानते हैं कैसे जानें कि सोना शुद्द है या नहीं।
कितने तरह का होता है सोना
24 कैरेट- 99.9 फीसदी शुद्ध
23 कैरेट--95.8� फीसदी शुद्ध
22 कैरेट--91.6� फीसदी शुद्ध
21 कैरेट--87.5� फीसदी शुद्ध
18 कैरेट--75.0� फीसदी शुद्ध
17 कैरेट--70.8� फीसदी शुद्ध
14 कैरेट--58.5� फीसदी शुद्ध
9 कैरेट--37.5� फीसदी शुद्ध
अक्सर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानदार यह बात कहते हैं कि वे 99.9 फीसदी की शुद्धता वाले सोने के आभूषण दे रहे हैं। यहां पर आपको बता दें कि दुकानदारों की ऐसी बातों के झांसे में न आएं, क्योंकि कोई भी आभूषण 99.9 फीसदी की शुद्धता वाले सोने का नहीं होता है।
दरअसल, 99.9 फीसदी की शुद्धता को सोना 24 कैरेट का सोना कहलाता है। यह सोना बहुत ही नरम होता है, जिसकी वजह से इसकी ज्वैलरी नहीं बन पाती है। ज्वैलरी हमेशा 22 कैरेट सोने से बनती है। या यूं कहें कि ज्वैलरी 91.66 फीसदी शुद्दता के सोने से बनाई जाती हैं।
आभूषण 22 कैरेट के सोने से बनते हैं, जबकि शेयर मार्केट में ट्रेड होने वाला सोना 24 कैरेट का होता है। ऐसे में अगर सोने का दाम शेयर बाजार के हिसाब से 25,000 है, तो यह घरेलू बाजार में इसकी कीमत और भी कम होगी।
घरेलू बाजार में यह सोना 22 कैरेट का होने के कारण (25000/24)x22= 22,917 रुपए का होगा। हालांकि, दुकानों पर कीमत और अधिक होती है, क्योंकि वे आभूषण में उसे बनाने का चार्ज यानी मेकिंग चार्ज भी जोड़ते हैं।
हॉलमार्क सोने की शुद्धता की गारंटी है, जिसका निर्धारण ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) की तरफ से किया जाता है। हॉलमार्क का निर्धारण करने में कुछ तय मापदंडों के हिसाब से प्रमाणित किया जाता है।
बीआईएस उपभोक्ताओं की दिए जाने वाले सोने की शुद्धता की जांच करता है। यदि सोने पर हॉलमार्क नहीं है तो इसका मतलब है कि वह सोना शुद्ध नहीं है। हालांकि बहुत से दुकानदार नकली हॉलमार्क भी लगा रहे हैं।
खैर, हॉलमार्क असली है या नकली, ये भी आसानी से चेक किया जा सकता है। असली हॉलमार्क का निशान भारतीय मानक ब्यूरो का एक तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।
सोने की कीमतें गिरने के कारण बहुत से लोग सोना खरीदने भी लग गए होंगे, लेकिन बहुत से दुकानदार ऐसे मौकों पर मिलावट का धंधा भी शुरू कर देते हैं। आइए जानते हैं कैसे जानें कि सोना शुद्द है या नहीं।
कितने तरह का होता है सोना
24 कैरेट- 99.9 फीसदी शुद्ध
23 कैरेट--95.8� फीसदी शुद्ध
22 कैरेट--91.6� फीसदी शुद्ध
21 कैरेट--87.5� फीसदी शुद्ध
18 कैरेट--75.0� फीसदी शुद्ध
17 कैरेट--70.8� फीसदी शुद्ध
14 कैरेट--58.5� फीसदी शुद्ध
9 कैरेट--37.5� फीसदी शुद्ध
अक्सर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानदार यह बात कहते हैं कि वे 99.9 फीसदी की शुद्धता वाले सोने के आभूषण दे रहे हैं। यहां पर आपको बता दें कि दुकानदारों की ऐसी बातों के झांसे में न आएं, क्योंकि कोई भी आभूषण 99.9 फीसदी की शुद्धता वाले सोने का नहीं होता है।
दरअसल, 99.9 फीसदी की शुद्धता को सोना 24 कैरेट का सोना कहलाता है। यह सोना बहुत ही नरम होता है, जिसकी वजह से इसकी ज्वैलरी नहीं बन पाती है। ज्वैलरी हमेशा 22 कैरेट सोने से बनती है। या यूं कहें कि ज्वैलरी 91.66 फीसदी शुद्दता के सोने से बनाई जाती हैं।
आभूषण 22 कैरेट के सोने से बनते हैं, जबकि शेयर मार्केट में ट्रेड होने वाला सोना 24 कैरेट का होता है। ऐसे में अगर सोने का दाम शेयर बाजार के हिसाब से 25,000 है, तो यह घरेलू बाजार में इसकी कीमत और भी कम होगी।
घरेलू बाजार में यह सोना 22 कैरेट का होने के कारण (25000/24)x22= 22,917 रुपए का होगा। हालांकि, दुकानों पर कीमत और अधिक होती है, क्योंकि वे आभूषण में उसे बनाने का चार्ज यानी मेकिंग चार्ज भी जोड़ते हैं।
हॉलमार्क सोने की शुद्धता की गारंटी है, जिसका निर्धारण ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) की तरफ से किया जाता है। हॉलमार्क का निर्धारण करने में कुछ तय मापदंडों के हिसाब से प्रमाणित किया जाता है।
बीआईएस उपभोक्ताओं की दिए जाने वाले सोने की शुद्धता की जांच करता है। यदि सोने पर हॉलमार्क नहीं है तो इसका मतलब है कि वह सोना शुद्ध नहीं है। हालांकि बहुत से दुकानदार नकली हॉलमार्क भी लगा रहे हैं।
खैर, हॉलमार्क असली है या नकली, ये भी आसानी से चेक किया जा सकता है। असली हॉलमार्क का निशान भारतीय मानक ब्यूरो का एक तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है।