I Am A Unmarried Mother / मैं एक बिन ब्याही मां हूं और बहुत खुश हूं'

Swati
0
निरुशा निखत एक जानी-मानी फैशन डिजाइनर हैं। इलाहाबाद के एक निम्न मध्यवर्गीय मुस्लिम परिवार से मुंबई तक के सफर में उन्होंने काफी संघर्ष किया और अपना मकाम बनाया। 

जाहिर है वह एक मजबूत औरत हैं लेकिन जब उन्होंने शादी किए बगैर मां बनने का फैसला किया तो यह उनके लिए आसान नहीं था। उसके बाद भी एक अकेली मां का संघर्ष जारी रहा लेकिन आज भी उन्हें अपने फैसले को लेकर कोई पछतावा नहीं बल्कि गर्व ही होता है।

यह 2005 की बात है। मैं लिव इन रिलेशनशिप में थी और मुझे नहीं लगता था कि यह संबंध जारी रहेगा। लेकिन जब मैं गर्भवती हो गई तो मुझे गर्भपात करवाना भी सही नहीं लगा, यह मेरे जमीर को गवारा नहीं था। आपने एक संबंध बनाया है, जो आपको लगता है कि गलत है- तो उसके ज‌िम्मेदार आप हैं, इसमें उस बच्चे का कोई कुसूर नहीं है। 

यह भी सच था कि मेरी कुछ ज‌िम्मेदारियां थीं, मुझे अपनी ज‌िंदगी के कुछ फैसले करने थे, उस वक्त मेरी माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी, मुझे यह भी नहीं पता था कि मैं कभी सैटल हो पाऊंगी या नहीं- या होना चाहूंगी या नहीं। फिर चूंकि मैं एक निम्न मध्य वर्गीय मुस्लिम परिवार से हूं, इसलिए यह फ़ैसला मेरे लिए आसान नहीं बहुत ही बड़ा फ़ैसला था।

इस बारे में मैंने अपने परिवार को भी बताया और मैं खुद को बहुत-बहुत खुशकिस्मत लड़कियों में से एक मानती हूं कि मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ रहा भले ही उस वक्त नहीं रहा। 

गर्भावस्था के दौरान मैं बिल्कुल अकेली थी। मेरे साथ एक नौकर भी नहीं था। मेरी हालत ऐसी थी कि मैं बच्चा पैदा करने के लिए खुद चलकर गई, अपने डिलीवरी फॉर्म पर मैंने खुद हस्ताक्षर किए और बच्चा लेकर अकेले वापस आई।

हालांकि मेरी मां ने तो इस बात को उसी समय स्वीकार कर लिया था, लेकिन हालात ऐसे थे कि वह मेरे साथ नहीं आ पाईं क्योंकि मेरे पिता इससे नाराज थे, उनके लिए यह इज्जत का सवाल था। मां के लिए बड़ा धर्मसंकट था कि पति का साथ दें या बेटी का लेकिन बच्चा होने के बाद धीरे-धीरे सब ठीक हो गया।

मुझे कभी नहीं लगा कि मां बनने के लिए आपको एक पति की जरूरत होती है। यह बात ठीक है कि एक बच्चे का अधिकार होता है कि उसका बाप भी हो, होना भी चाहिए। 

लेकिन अगर आपने शादी के बाद बच्चा पैदा किया लेकिन जो उसका कानूनी पिता है अगर उससे उसे वह हक और प्यार नहीं मिलता है जिसका वह हकदार है तो ??

मैंने ऐसी बहुत सी शादियां देखी हैं जिनमें पिता वैसा नहीं है जैसा उसे होना चाहिए था। उस रिश्ते में भी बच्चे को वह सारी चीजें नहीं मिलतीं जो एक पिता से मिलनी चाहिए। ऐसे में अगर एक मां के अंदर यह सलीका है और यह हिम्मत है कि कि वह बच्चे की मां और बाप दोनों हो सकती है तो क्यों न हो।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)