एक और निठारी कांड की याद दिलाने वाले रवींद्र के खुलासे ने दिल्ली पुलिस को हैरान करके रख दिया है। रवींद्र की दरिंदगी के ये सच सिर्फ पुलिस को नहीं डरा रहे बल्कि दिल्ली के लोगों में भी खौफ पैदा कर रहे हैं।
रवींद्र कुबूल कर चुका है कि उसने 38 बच्चों की दरिंदगी के बाद हत्या कर दी और जैसे-जैसे उसे याद आता जाएगा वो गिनती बताता जाएगा। पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद रवींद्र के चेहरे पर डर नजर नहीं आता।
ये खुलासे निठारी से भी बड़ी सच्चाई पुलिस के सामने रख रहे हैं। रवींद्र ने शुरूआत में बताया था कि उसने 12 बच्चों के साथ दरिंदगी की और अब ये आंकड़ा 38 तक पहुंच चुका है। अब ऐसे में कहीं ऐसा ना हो कि ये आंकड़ा बढ़ता जाए।
वो इस कत्लेआम को अपनी नशे की गलती बताता है। छठी क्लास रवींद्र को निठारी कांड के सुरेंद्र कोली की बात बखूबी याद है। पुलिस इस बात से और हैरान है कि इस खूनी दरिंदगी करने वाले शख्स को अपनी हर करतूत का दिन तारीख साल, सब अच्छे से याद हैं।
वो कहता है कि जैसे-जैसे उसे याद आता जाएगा वो लाशों की गिनती बताता जाएगा।
एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में इस खूंखार रेपिस्ट और हत्यारे रवींद्र ने कबूल किया कि उसने नशे की वजह से इस तरह की गैर इंसानी खूनी खेल खेला है। रवींद्र ये भी कहता है कि वो खुद को इंसान नहीं मानता और उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए।
दिल्ली में निठारी कांड पैदा करने वाला ये शख्स इतने आराम से बताता है कि बच्चे अगवा करने पर शोर मचाते थे। ये उसे पसंद नहीं था जिस वजह से वो उनका कत्ल कर देता था, और फिर कत्ल के बाद लाश से अपनी हवस मिटाता था।
रवींद्र आगे जो कहता है वो अगर आप जानेंगे तो हो सकता है कि आपके रोंगटे ही खड़े हो जाएं। रवींद्र मानता है कि अगर उसे मौका मिलता तो वो अपने घर के बच्चों को भी नहीं बख्शता और उनका रेप करता। ये खूनी दरिंदा कहता है कि उसका कोई करीबी रिश्तेदार नहीं है जो हैं वो दूर के लोग हैं और उनके घर कभी नहीं गया।
रवींद्र कुबूल कर चुका है कि उसने 38 बच्चों की दरिंदगी के बाद हत्या कर दी और जैसे-जैसे उसे याद आता जाएगा वो गिनती बताता जाएगा। पुलिस की गिरफ्त में होने के बावजूद रवींद्र के चेहरे पर डर नजर नहीं आता।
ये खुलासे निठारी से भी बड़ी सच्चाई पुलिस के सामने रख रहे हैं। रवींद्र ने शुरूआत में बताया था कि उसने 12 बच्चों के साथ दरिंदगी की और अब ये आंकड़ा 38 तक पहुंच चुका है। अब ऐसे में कहीं ऐसा ना हो कि ये आंकड़ा बढ़ता जाए।
रवींद्र अपनी दरिंदगी की कहानी इतने आराम से सुनाता है कि मानो वो कोई रोचक कहानी सुना रहा हो। कोई चोरी डकैती का किस्सा सुना रहे हो। उसे ये नरसंहार नजर ही नहीं आता।
वो इस कत्लेआम को अपनी नशे की गलती बताता है। छठी क्लास रवींद्र को निठारी कांड के सुरेंद्र कोली की बात बखूबी याद है। पुलिस इस बात से और हैरान है कि इस खूनी दरिंदगी करने वाले शख्स को अपनी हर करतूत का दिन तारीख साल, सब अच्छे से याद हैं।
वो कहता है कि जैसे-जैसे उसे याद आता जाएगा वो लाशों की गिनती बताता जाएगा।
एक टीवी चैनल के इंटरव्यू में इस खूंखार रेपिस्ट और हत्यारे रवींद्र ने कबूल किया कि उसने नशे की वजह से इस तरह की गैर इंसानी खूनी खेल खेला है। रवींद्र ये भी कहता है कि वो खुद को इंसान नहीं मानता और उसे उसके किए की सजा मिलनी चाहिए।
दिल्ली में निठारी कांड पैदा करने वाला ये शख्स इतने आराम से बताता है कि बच्चे अगवा करने पर शोर मचाते थे। ये उसे पसंद नहीं था जिस वजह से वो उनका कत्ल कर देता था, और फिर कत्ल के बाद लाश से अपनी हवस मिटाता था।
रवींद्र आगे जो कहता है वो अगर आप जानेंगे तो हो सकता है कि आपके रोंगटे ही खड़े हो जाएं। रवींद्र मानता है कि अगर उसे मौका मिलता तो वो अपने घर के बच्चों को भी नहीं बख्शता और उनका रेप करता। ये खूनी दरिंदा कहता है कि उसका कोई करीबी रिश्तेदार नहीं है जो हैं वो दूर के लोग हैं और उनके घर कभी नहीं गया।