Indian missing in Lebanon, family expecting message from sons / इराक के बाद अब लेबनान में 8 भारतीय लापता, देखिए कैसे

Swati
0
पैसा कमाने की चाहत में आठ माह पहले लेबनान गए चार युवक लापता हैं। बीते छह माह से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। दो युवक कैथल के गांव जगदीशपुरा और दो कुरुक्षेत्र के पिहोवा से हैं। सभी एजेंटों के जरिये लेबनान गए थे। एजेंट ने एक सप्ताह का समय दिया है। उधर, परिजनों ने अब तक पुलिस को शिकायत नहीं दी है। गांव जगदीशपुरा निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि वह गांव में ही मजदूरी करता है। उसके दो बेटे व तीन बेटियां हैं।

कृष्ण कुमार ने बताया कि� दो बेटियों एवं एक बेटे का विवाह कर दिया है। छोटा बेटा अरुण कुमार नवंबर में पिहोवा के एजेंट के माध्यम से लेबनान रवाना चला गया। अरुण के साथ-साथ जगदीशपुरा के सर्वजीत सिंह, पिहोवा के गांव बोढा निवासी कुलदीप सिंह एवं टेहली फार्म निवासी जग्गा सिंह भी गया था। नवंबर 2014 को चारों युवक यहां से लेबनान रवाना हुए। दो महीने तक वे जॉर्डन में रहे। इसके बाद उन्हें सीरिया ले जाया गया।

18 जनवरी 2015 को बेटे का फोन आया था कि वे उसी रात सीरिया से आगे लेबनान जाने वाले हैं। लेकिन इसके बाद से चारों युवकों में से किसी से भी कोई संपर्क नहीं हो पाया। उसने कहा कि वे बार-बार इसके लिए एजेंट से मिले। एजेंट के भाई को ही उन्हें लेबनान पहुंचाना था। लेकिन सुरजीत उन्हें लगातार झांसे दे रहा है। अब फिर उसने एक सप्ताह का समय दिया है।

अरुण की मां बिमला देवी, भाई अनिल कुमार सहित बहन एवं भाभी का रो-रोकर बुरा हाल है। अरुण की मां ने कहा कि उन्हें उनका बेटा लौटा दो। उन्हें बाहरी कमाई की कोई आवश्यकता नहीं है। सर्वजीत के परिवार का भी बुरा हाल है। उसकी विधवा मां दूसरों के घर में खाना बनाकर रोजी-रोटी चला रही हैं। सर्वजीत विदेश में कमाई कर परिवार की दशा सुधारने के लिए गया था। लेकिन उसे क्या पता था कि उसके जाने के बाद उसके छोटे भाई की पढ़ाई तक छूट जाएगी।

उसका छोटा भाई दसवीं में बीच में ही पढ़ाई छोड़कर मेहनत-मजदूरी करने पर मजबूर है। बड़ी बहन का विवाह कर दिया गया। एक छोटी बहन है। परिवार के पास आय का कोई साधन नहीं है। दोनों परिवार जरूरतमंद हैं। कृष्ण कुमार जहां मजदूरी करते हैं।� वहीं सर्वजीत की मां दूसरों के घरों में खाना बनाकर परिवार का गुजारा चला रही हैं। सर्वजीत की मां एवं अरुण के पिता कृष्ण कुमार का कहना है कि करीब 4 लाख रुपये ब्याज पर लिए हैं।

सर्वजीत के परिवार पर 1 लाख रुपये ब्याज के बनते हैं। मां ने फफकते हुए कहा, ‘अस्सी तां जान ही देणी पैंण, इन्ना रपिय्या कित्थों ते आऊगा। साड्ढे पुत्त पता नी कित्थे लकोए ने, सानू साड्ढे पुत लौटा दयो..होर कुछ नीं चाहिंदा...। पिहोवा के युवक कुलदीप के भाई अमरजीत ने कहा, एजेंट उन्हें गुमराह कर रहा है। इन दोनों के साथ-साथ पिहोवा के बोदली निवासी कुलदीप सिंह पुत्र जोगेंद्र सिंह एवं� टेहली फार्म निवासी जोगा सिंह पुत्र अमरीक सिंह भी झांसे में आ गए। उनका भी कोई अता-पता नहीं है।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)