सोने के दाम में गिरावट के कारण लोगों का सोना खरीदने के लिए उत्साह बढ़ गया है और आने वाले उत्सवों के लिए लोग सोने के आभूषण खरीदकर रख रहे हैं। ऐसे में ग्राहकों को चौकन्ना कर देने वाली खबर सामने आयी है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि भारत में बिक रहे सोने के आभूषण हॉलमार्क लगे होने के बावजूद उसमें शुद्धता की कमी है। सफल स्वर्ण मुद्रीकरण के लिए हॉलमार्किंग प्रणाली को सुदृढ़ कराने की जरूरत है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 'डेवलपिंग इंडियन हॉलमार्किंग-ए रोडमैप फॉर फ्यूचर ग्रोथ’ को लेकर जारी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में मौजूदा भारतीय हॉलमार्किंग सिस्टम्स का गहन मूल्यांकन और सर्वश्रेष्ठ विदेशी प्रणालियों का संक्षिप्त विवरण उपलब्ध कराया गया है। इसमें मौजूदा सिस्टम को मजबूत करने के लिए कई उपाय भी सुझाए गए हैं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार यदि इस सिस्टम को लागू किया जाता है, तो यह भारतीय सोने की शुद्धता में भरोसे को लौटाएगा और ग्राहकों को उनकी स्वर्ण खरीदारी के कैरट में अधिक आत्मविश्वास प्रदान करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सोने में विश्वास बढ़ने से देश के निर्यात में बढ़ोतरी की जा सकती है और निर्यात के आंकड़े को मौजूदा 8 अरब अमेरिकी� डॉलर से बढ़ाकर वर्ष 2020 तक 40 अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआइएस) इंडिया द्वारा वर्ष 2000 में हॉलमार्किंग स्टैंडर्ड की शुरुआत की गई थी और भारत ने इस हॉलमार्किंग सिस्टम को विकसित करने में अच्छी प्रगति की है।
गौरतलब है कि भारत में लगभग 220 बीआईएस हॉलमार्किंग सेंटर हैं,जिसमें दक्षिण भारत में कुल 153 केन्द्र और उत्तर भारत में 111 केन्द्र हैं। वहीं देश में हर वर्ष 800-1000 टन सोने की खपत होती है और लगभग पूरा सोना आयात किया जाता है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मानना है कि भारत में बिक रहे सोने के आभूषण हॉलमार्क लगे होने के बावजूद उसमें शुद्धता की कमी है। सफल स्वर्ण मुद्रीकरण के लिए हॉलमार्किंग प्रणाली को सुदृढ़ कराने की जरूरत है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 'डेवलपिंग इंडियन हॉलमार्किंग-ए रोडमैप फॉर फ्यूचर ग्रोथ’ को लेकर जारी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में मौजूदा भारतीय हॉलमार्किंग सिस्टम्स का गहन मूल्यांकन और सर्वश्रेष्ठ विदेशी प्रणालियों का संक्षिप्त विवरण उपलब्ध कराया गया है। इसमें मौजूदा सिस्टम को मजबूत करने के लिए कई उपाय भी सुझाए गए हैं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार यदि इस सिस्टम को लागू किया जाता है, तो यह भारतीय सोने की शुद्धता में भरोसे को लौटाएगा और ग्राहकों को उनकी स्वर्ण खरीदारी के कैरट में अधिक आत्मविश्वास प्रदान करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सोने में विश्वास बढ़ने से देश के निर्यात में बढ़ोतरी की जा सकती है और निर्यात के आंकड़े को मौजूदा 8 अरब अमेरिकी� डॉलर से बढ़ाकर वर्ष 2020 तक 40 अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआइएस) इंडिया द्वारा वर्ष 2000 में हॉलमार्किंग स्टैंडर्ड की शुरुआत की गई थी और भारत ने इस हॉलमार्किंग सिस्टम को विकसित करने में अच्छी प्रगति की है।
गौरतलब है कि भारत में लगभग 220 बीआईएस हॉलमार्किंग सेंटर हैं,जिसमें दक्षिण भारत में कुल 153 केन्द्र और उत्तर भारत में 111 केन्द्र हैं। वहीं देश में हर वर्ष 800-1000 टन सोने की खपत होती है और लगभग पूरा सोना आयात किया जाता है।