Facebook and whatsapp is banned in up schools / यूपीः स्कूलों में बैन हुआ फेसबुक और व्हाट्सएप

Swati
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यूपी में स्कूल टाइम पर अब कोई भी टीचर या स्टूडेंट सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।परिषदीय विद्यालय में पढ़ाने वाले टीचर यदि स्कूल समय सोशल मीडिया पर लिप्त पाए गए तो उनका निलंबन किया जाएगा। छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह आदेश जारी किया है। 

परिषदीय विद्यालयों में अभी तक छात्राओं के साथ जो घटनाएं हुई हैं उसमें सोशल मीडिया एक बड़ा व प्रमुख कारण रहा है।
जानकारों की मानें तो शिक्षा विभाग में कई ऐसे टीचर हैं जो अपने अलग-अलग ग्रुप बनाए हुए हैं और वह विद्यालय पहुंचने के बाद उसी में चैट किया करते हैं। 

यह टीचर पढ़ाई पर तो ध्यान देते नहीं साथ ही बच्चों को भी उसी में मशगूल रखते हैं। ऐसे में बच्चे भी विद्यालय में पढ़ाई छोड़ अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। इसमें सबसे अधिक युवा महिला व पुरुष टीचर शामिल हैं। 

टीचरों की इस प्रकार की हरकतों से बच्चों के भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शासन ने स्कूल टाइम में रोक लगाने के दिए हैं। चेकिंग के दौरान यदि टीचर मोबाइल में मशगूल दिखे तो उसे सस्पेंड किया जाए।पिछले वित्तीय वर्ष में बीएसए डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने विकासखंड पुरवा के एक टीचर का विद्यालय में बच्चों को अश्लील चित्र दिखाने पर न सिर्फ निलंबन किया था बल्कि एफआईआर भी दर्ज कराई थी। 

इसके अलावा विकासखंड मियागंज व सिकंदरपुर सरोसी में विद्यालय निरीक्षण के दौरान व्हाट्सएप पर मशगूल पाए जाने पर दो महिला टीचरों का निलंबन किया था। 

साथ ही जांच टीम को आदेश दिए थे कि वह निरीक्षण के दौरान शक होने पर टीचर का मोबाइल भी चेक कर सकती है। साथ ही बच्चो से बात कर टीचर की गतिविधि का पता लगा सकती है।

यह आदेश निवर्तमान बीएसए ने पहले ही जारी कर रखा है। अब शासन का आदेश है तो इस पर खास ध्यान रखा जाएगा। यदि कोई टीचर सोशल मीडिया पर व्यस्त पाया गया तो सस्पेंड कर दिया जाएगा।

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