शिमला की आलिशा ने मुंबई में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। टीवी सीरियल बेगुसराय में आलिशा मुस्लिम लड़की नजमा का किरदार निभा रही है। ‘अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो’ फिल्म में आलिशा बाल कलाकार की भूमिका निभा चुकी हैं। आलिशा ने शिमला के ताराहाल स्कूल और सेंट बीड्स कालेज से पढ़ाई की है। आलिशा फिल्मों में बतौर अभिनेत्री काम करने की इच्छुक हैं। 2012 में आलिशा के सिर शिमला क्वीन का ताज भी सज चुका है।
सेंट बीड्स कालेज से बीकॉम फर्स्ट ईयर की पढ़ाई के दौरान आलिशा की सिलेक्शन सीरियल के आडिशन के दौरान हुआ था। दिसंबर 2014 में आलिशा मुंबई चली गई। मार्च 2015 से आलिशा का सीरियल बेगुसराय टीवी पर सोमवार से शुक्रवार रात 10 बजे प्रसारित हो रहा है। सीरियल में अपने अभिनय के बारे में आलिशा ने बताया कि एक मुस्लिम लड़की का रोल करना उनके लिए कठिन था।
शूटिंग से पहले उर्दू सीखने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। आलिशा का कहना है कि इंडस्ट्री में नई पीढ़ी अपने अभिनय और मेहनत से पहचान बना रही है। आलिशा का कहना है कि अपने दादा ज्ञानचंद पंवर की स्पोर्ट से वो इस मकाम तक पहुंच पाई हैं। माता पिता ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया है।
मूलत: कुनिहार के ‘ऊंचा गांव’ की रहने वाली आलिशा के पिता दिनेश कुमार जिला कचहरी में वकील हैं। मां अनीता पंवर शौर्या आर्मी स्कूल समरहिल में बतौर अध्यापिका कार्यरत है। छोटी बहन आरोही पंवर ताराहाल स्कूल में दसवीं में पढ़ रही है। मेहनत और लग्न से बेटी ने जो मकाम पाया है उसे लेकर आलिशा के मां पिता और परिजन खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। आलिशा का कहना है कि वो मुंबई में शिमला को बहुत मिस करती हैं।
‘अमर उजाला के माध्यम से भी मिला मुकाम’- आलिशा हिमाचल के नंबर वन अखबार ‘अमर उजाला’ की कायल हैं। आलिशा का कहना है कि जब ‘अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो’ फिल्म में उन्होंने बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी उस समय अमर उजाला में उनका इंटरव्यू प्रकाशित हुआ था, खबर की कटिंग आज भी उन्होंने अपने पास संभाल कर रखी है।
सेंट बीड्स कालेज से बीकॉम फर्स्ट ईयर की पढ़ाई के दौरान आलिशा की सिलेक्शन सीरियल के आडिशन के दौरान हुआ था। दिसंबर 2014 में आलिशा मुंबई चली गई। मार्च 2015 से आलिशा का सीरियल बेगुसराय टीवी पर सोमवार से शुक्रवार रात 10 बजे प्रसारित हो रहा है। सीरियल में अपने अभिनय के बारे में आलिशा ने बताया कि एक मुस्लिम लड़की का रोल करना उनके लिए कठिन था।
शूटिंग से पहले उर्दू सीखने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। आलिशा का कहना है कि इंडस्ट्री में नई पीढ़ी अपने अभिनय और मेहनत से पहचान बना रही है। आलिशा का कहना है कि अपने दादा ज्ञानचंद पंवर की स्पोर्ट से वो इस मकाम तक पहुंच पाई हैं। माता पिता ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया है।
मूलत: कुनिहार के ‘ऊंचा गांव’ की रहने वाली आलिशा के पिता दिनेश कुमार जिला कचहरी में वकील हैं। मां अनीता पंवर शौर्या आर्मी स्कूल समरहिल में बतौर अध्यापिका कार्यरत है। छोटी बहन आरोही पंवर ताराहाल स्कूल में दसवीं में पढ़ रही है। मेहनत और लग्न से बेटी ने जो मकाम पाया है उसे लेकर आलिशा के मां पिता और परिजन खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। आलिशा का कहना है कि वो मुंबई में शिमला को बहुत मिस करती हैं।
‘अमर उजाला के माध्यम से भी मिला मुकाम’- आलिशा हिमाचल के नंबर वन अखबार ‘अमर उजाला’ की कायल हैं। आलिशा का कहना है कि जब ‘अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो’ फिल्म में उन्होंने बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी उस समय अमर उजाला में उनका इंटरव्यू प्रकाशित हुआ था, खबर की कटिंग आज भी उन्होंने अपने पास संभाल कर रखी है।