1993 में दिल्ली में बम धमाकों के दोषी दविंदर पाल सिंह भुल्लर को शुक्रवार कड़ी सुरक्षा में दिल्ली की तिहाड़ जेल से अमृतसर की सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद उसे गुरु नानक देव अस्पताल के स्वामी विवेकानंद ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर में भर्ती किया गया। भुल्लर को स्पेशल एंबुलेंस से अमृतसर लाया गया।
एंबुलेंस में दिल्ली से डॉक्टर भी आए थे। इसके आगे-पीछे स्पेशल फोर्स की गाड़ियां चल रही थी। बाद दोपहर भुल्लर अमृतसर केंद्रीय जेल में पहुंच गया। भुल्लर का सुबह दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल शाहदरा में मेडिकल चेकअप करवाया गया था। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद भुल्लर को अमृतसर रवाना किया गया।
अमृतसर पहुंचने के बाद उसे दोबारा मेडिकल जांच के लिए गुरु नानक देव अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भेजा गया। वहां से उनको जांच के बाद वापस जेल भेजने के बजाय अस्पताल में ही रखने की हिदायत हुई। जब अस्पताल प्रबंधकों ने भुल्लर को उसके सुरक्षा कर्मचारियों के साथ वार्ड में रखने में असमर्थता जताई तो उसे अस्पताल में ही स्थित स्वामी विवेकानंद ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर में भेज दिया गया है।
भुल्लर अब अगले आदेशों तक इस सेंटर में उपचाराधीन रहेगा। भुल्लर के अमृतसर ट्रांसफर होने के आदेश पहुंचे के बाद से सरकार और प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए थे। डीसीपी परमपाल सिंह ने कहा कि भुल्लर को पूरी सुरक्षा के तहत अमृतसर लाया गया है। उसका मेडिकल करवाया जा रहा है। जेल में भी भुल्लर की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से विशेष आदेश हासिल हुए हैं।
भुल्लर के लिए सेंट्रल जेल में अलग से सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। अस्पताल के अंदर ही स्पेशल बैरक बनाई गई है। इस बैरक की जिम्मेदारी एक असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है। बैरक में स्पेशल जेल स्टाफ भी तैनात किया गया है। जेल सुपरिंटेंडेंट आरके शर्मा ने कहा कि जेल में भुल्लर की सेहत का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
उसके लिए स्पेशल वार्ड भी रिजर्व रखा गया है। उसकी शारीरिक और मानसिक हालत पर नजर रखने के लिए स्पेशल डॉक्टर भी तैनात हैं। भुल्लर को जिस वार्ड में रखा गया है, उसमें एसी लगा हुआ था। भुल्लर को खाना भी शाही दिया जा रहा है। रात के खाने में उसे मटर पनीर की सब्जी दी गई।
पत्नी बोली, ख्याल रखा जाए
भुल्लर की पत्नी नवनीत कौर ने कहा कि उसके पति की सेहत काफी खराब है। इसलिए अमृतसर सेंट्रल जेल के अधिकारियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। नवनीत कौर 1994 में अपने ससुरालजनों के साथ कनाडा चली गई थी। अब वह पंजाब आ गई है और इस समय अमृतसर के रंजीत एवेन्यू में अपने मायके वालों के साथ रह रही है।
रिहाई के लिए सिख संगठनों ने कसी कमर
सिख कैदियों की रिहाई के लिए सिख संगठन हाईकोर्ट की छुट्टियां खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। भुल्लर के अमृतसर जेल शिफ्ट होते ही सिख कैदियों की जमानतें कराने को कमर कस ली गई है।
सिख संघर्ष कमेटी की ओर से सिख कैदियों के मामलों पर कानूनी पहलुओं पर विचार करने के लिए अधिकृत अकाली दल पंच प्रधानी नेता हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पंजाब सरकार सजा पूरी कर चुके जेल में बैठे कैदियों की रिहा नहीं कर सकती। लेकिन उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में दलीलें पेश की जाएंगी। चीमा के मुताबिक जमानत के लिए ठोस आधार यह है कि उम्रकैद जितना समय जेल में बिताने के बाद कोई भी आरोपी जमानत का हकदार है।
दिल्ली बम धमाकों के आरोपी दविंदरपाल सिंह भुल्लर को अमृतसर जेल शिफ्ट कर दिया गया। भुल्लर के यहां पहुंचते ही दूसरे कैदी गुरदीप सिंह खेड़ा की शिफ्टिंग का रास्ता भी साफ हो गया है। उसे पंजाब शिफ्ट करने के लिए शुक्रवार को ही कर्नाटक की गुलबर्ग जेल में आदेश पहुंच गए हैं।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने गुलबर्ग जेल प्रशासन को शिफ्टिंग आदेश मिलने की पुष्टि की है। जेल प्रशासन ने संबंधित जिला प्रशासन से खेड़ा को पंजाब भेजने के लिए सुरक्षा बल मुहैया कराने का आग्रह किया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार इसमें एक सप्ताह का समय लग सकता है। गुरदीप दिल्ली और कर्नाटक बम धमाकों का आरोपी है।
अकाली दल पंच प्रधानी नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछली मीटिंग के दौरान सरकारी प्रतिनिधियों के समक्ष सिख कैदियों की जमानत का रास्ता खोजने का सुझाव रखा गया था। अगले कुछ दिनों में सिख प्रतिनिधि इसी मुद्दे पर फिर से सरकारी प्रतिनिधियों से बातचीत कर सकते हैं।
अमृतसर ही लाने की संभावना
गुरदीप अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव जल्लुपुर खेड़ा का रहने वाला है। उसे भी अमृतसर जेल लाया जा सकता है। खेड़ा को दिल्ली की अदालत ने 10 मार्च 2011 को प्रिमेच्योर रिलीज कर दिया था, लेकिन कर्नाटक बम धमाकों के केस में उसे कर्नाटक ले जाया गया था। यहां बिदर में उस पर 1999 में केस दर्ज हुआ था और 2001 में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी।
एंबुलेंस में दिल्ली से डॉक्टर भी आए थे। इसके आगे-पीछे स्पेशल फोर्स की गाड़ियां चल रही थी। बाद दोपहर भुल्लर अमृतसर केंद्रीय जेल में पहुंच गया। भुल्लर का सुबह दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल शाहदरा में मेडिकल चेकअप करवाया गया था। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद भुल्लर को अमृतसर रवाना किया गया।
अमृतसर पहुंचने के बाद उसे दोबारा मेडिकल जांच के लिए गुरु नानक देव अस्पताल के मनोरोग वार्ड में भेजा गया। वहां से उनको जांच के बाद वापस जेल भेजने के बजाय अस्पताल में ही रखने की हिदायत हुई। जब अस्पताल प्रबंधकों ने भुल्लर को उसके सुरक्षा कर्मचारियों के साथ वार्ड में रखने में असमर्थता जताई तो उसे अस्पताल में ही स्थित स्वामी विवेकानंद ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर में भेज दिया गया है।
भुल्लर अब अगले आदेशों तक इस सेंटर में उपचाराधीन रहेगा। भुल्लर के अमृतसर ट्रांसफर होने के आदेश पहुंचे के बाद से सरकार और प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए थे। डीसीपी परमपाल सिंह ने कहा कि भुल्लर को पूरी सुरक्षा के तहत अमृतसर लाया गया है। उसका मेडिकल करवाया जा रहा है। जेल में भी भुल्लर की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से विशेष आदेश हासिल हुए हैं।
भुल्लर के लिए सेंट्रल जेल में अलग से सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। अस्पताल के अंदर ही स्पेशल बैरक बनाई गई है। इस बैरक की जिम्मेदारी एक असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है। बैरक में स्पेशल जेल स्टाफ भी तैनात किया गया है। जेल सुपरिंटेंडेंट आरके शर्मा ने कहा कि जेल में भुल्लर की सेहत का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
उसके लिए स्पेशल वार्ड भी रिजर्व रखा गया है। उसकी शारीरिक और मानसिक हालत पर नजर रखने के लिए स्पेशल डॉक्टर भी तैनात हैं। भुल्लर को जिस वार्ड में रखा गया है, उसमें एसी लगा हुआ था। भुल्लर को खाना भी शाही दिया जा रहा है। रात के खाने में उसे मटर पनीर की सब्जी दी गई।
पत्नी बोली, ख्याल रखा जाए
भुल्लर की पत्नी नवनीत कौर ने कहा कि उसके पति की सेहत काफी खराब है। इसलिए अमृतसर सेंट्रल जेल के अधिकारियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। नवनीत कौर 1994 में अपने ससुरालजनों के साथ कनाडा चली गई थी। अब वह पंजाब आ गई है और इस समय अमृतसर के रंजीत एवेन्यू में अपने मायके वालों के साथ रह रही है।
रिहाई के लिए सिख संगठनों ने कसी कमर
सिख कैदियों की रिहाई के लिए सिख संगठन हाईकोर्ट की छुट्टियां खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। भुल्लर के अमृतसर जेल शिफ्ट होते ही सिख कैदियों की जमानतें कराने को कमर कस ली गई है।
सिख संघर्ष कमेटी की ओर से सिख कैदियों के मामलों पर कानूनी पहलुओं पर विचार करने के लिए अधिकृत अकाली दल पंच प्रधानी नेता हरपाल सिंह चीमा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पंजाब सरकार सजा पूरी कर चुके जेल में बैठे कैदियों की रिहा नहीं कर सकती। लेकिन उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट में दलीलें पेश की जाएंगी। चीमा के मुताबिक जमानत के लिए ठोस आधार यह है कि उम्रकैद जितना समय जेल में बिताने के बाद कोई भी आरोपी जमानत का हकदार है।
दिल्ली बम धमाकों के आरोपी दविंदरपाल सिंह भुल्लर को अमृतसर जेल शिफ्ट कर दिया गया। भुल्लर के यहां पहुंचते ही दूसरे कैदी गुरदीप सिंह खेड़ा की शिफ्टिंग का रास्ता भी साफ हो गया है। उसे पंजाब शिफ्ट करने के लिए शुक्रवार को ही कर्नाटक की गुलबर्ग जेल में आदेश पहुंच गए हैं।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने गुलबर्ग जेल प्रशासन को शिफ्टिंग आदेश मिलने की पुष्टि की है। जेल प्रशासन ने संबंधित जिला प्रशासन से खेड़ा को पंजाब भेजने के लिए सुरक्षा बल मुहैया कराने का आग्रह किया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार इसमें एक सप्ताह का समय लग सकता है। गुरदीप दिल्ली और कर्नाटक बम धमाकों का आरोपी है।
अकाली दल पंच प्रधानी नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछली मीटिंग के दौरान सरकारी प्रतिनिधियों के समक्ष सिख कैदियों की जमानत का रास्ता खोजने का सुझाव रखा गया था। अगले कुछ दिनों में सिख प्रतिनिधि इसी मुद्दे पर फिर से सरकारी प्रतिनिधियों से बातचीत कर सकते हैं।
अमृतसर ही लाने की संभावना
गुरदीप अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव जल्लुपुर खेड़ा का रहने वाला है। उसे भी अमृतसर जेल लाया जा सकता है। खेड़ा को दिल्ली की अदालत ने 10 मार्च 2011 को प्रिमेच्योर रिलीज कर दिया था, लेकिन कर्नाटक बम धमाकों के केस में उसे कर्नाटक ले जाया गया था। यहां बिदर में उस पर 1999 में केस दर्ज हुआ था और 2001 में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी।