अमोनिया गैस रिसाव के हादसे की दहशत का भयावह मंजर और क्या होगा कि दो दिन बाद भी लोगों के कानों में चीखें गूंज रही हैं। लोग अभी भी सहमे हुए हैं। घरों में जाने से डर रहे हैं। कोई बाहर रात बिता रहा तो कोई रिश्तेदार के यहां। किसी ने गुरुद्वारे में शरण ली हुई है।
रविवार को गैस से प्रभावित 350 नए मरीज सामने आए। इससे पहले शनिवार तक 213 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया जा चुका था जिनमें से 98 को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। प्रशासन ने रविवार को गुरुद्वारा कलगीधर साहिब में मेडिकल कैंप लगाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग चेकअप के लिए पहुंचे। इनमें से 350 लोग गैस से प्रभावित मिले।
डॉक्टरों ने सभी को दवाई दी। दरअसल इन लोगों में गैस की दहशत इस कदर थी कि वह इलाज के लिए घरों से बाहर ही नहीं निकले। रविवार सुबह माहौल कुछ बेहतर होने पर लोगों को मेडिकल कैंप की सूचना मिली। नेत्र विशेषज्ञ डॉ.मनु विज ने बताया कि लोग आंखों और सीने में जलन की शिकायत लेकर उनके पास पहुंचे।
दोराहा पुल के नीचे लीकेज के बाद लोगों के लिए आफत बनी अमोनिया गैस का असर रविवार सुबह कुछ कम हुआ। जिसके बाद दोराहा के लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगी। दो दिन बीतने के बाद भी दोराहा के लोगों को दिलों से इस भयानक गैस की दहशत नहीं जा रही है।
जिस पुल के नीचे टैंकर टकराया था, वहां नीचे तो अभी भी गैस का असर काफी है। पुलिस प्रशासन की तरफ से ट्रैफिक पुलिस का एक मुलाजिम मौके पर तैनात किया गया है, जो पुल के नीचे से बड़े वाहनों को निकलने से रोक रहा है। पुलिस प्रशासन की तरफ से पुल के नीचे से बड़े वाहनों के निकलने पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस प्रशासन की तरफ से दोनों तरफ बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। शुक्रवार रात को गैस के रिसाव का असर शनिवार को रहा। शनिवार दोपहर आई बारिश के बाद प्रशासन ने सब ठीक होने की बात कही तब भी लोगों ने दुकानें नहीं खोली। रविवार को भी दुकानदार दुकानें खोलने पहुंचे तब भी वह डरे हुए थे।
रविवार को गैस से प्रभावित 350 नए मरीज सामने आए। इससे पहले शनिवार तक 213 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया जा चुका था जिनमें से 98 को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। प्रशासन ने रविवार को गुरुद्वारा कलगीधर साहिब में मेडिकल कैंप लगाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग चेकअप के लिए पहुंचे। इनमें से 350 लोग गैस से प्रभावित मिले।
डॉक्टरों ने सभी को दवाई दी। दरअसल इन लोगों में गैस की दहशत इस कदर थी कि वह इलाज के लिए घरों से बाहर ही नहीं निकले। रविवार सुबह माहौल कुछ बेहतर होने पर लोगों को मेडिकल कैंप की सूचना मिली। नेत्र विशेषज्ञ डॉ.मनु विज ने बताया कि लोग आंखों और सीने में जलन की शिकायत लेकर उनके पास पहुंचे।
दोराहा पुल के नीचे लीकेज के बाद लोगों के लिए आफत बनी अमोनिया गैस का असर रविवार सुबह कुछ कम हुआ। जिसके बाद दोराहा के लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगी। दो दिन बीतने के बाद भी दोराहा के लोगों को दिलों से इस भयानक गैस की दहशत नहीं जा रही है।
जिस पुल के नीचे टैंकर टकराया था, वहां नीचे तो अभी भी गैस का असर काफी है। पुलिस प्रशासन की तरफ से ट्रैफिक पुलिस का एक मुलाजिम मौके पर तैनात किया गया है, जो पुल के नीचे से बड़े वाहनों को निकलने से रोक रहा है। पुलिस प्रशासन की तरफ से पुल के नीचे से बड़े वाहनों के निकलने पर रोक लगा दी गई है।
पुलिस प्रशासन की तरफ से दोनों तरफ बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। शुक्रवार रात को गैस के रिसाव का असर शनिवार को रहा। शनिवार दोपहर आई बारिश के बाद प्रशासन ने सब ठीक होने की बात कही तब भी लोगों ने दुकानें नहीं खोली। रविवार को भी दुकानदार दुकानें खोलने पहुंचे तब भी वह डरे हुए थे।