जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में चल रहे सोमवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय वेदांत कांग्रेस में योग गुरु स्वामी रामदेव नहीं आएंगे।
उनके आगमन की खबर के बाद से वामपंथी छात्र संगठनों ने विरोध शुरू किया तो दक्षिणीपंथी छात्र संगठन समर्थ में उतर आए। वामपंथी संगठनों ने इसे लेकर जेएनयू प्रशासन से मिलकर इसका विरोध जताया।
लेकिन इसी उठापटक के बीच आगमन की खबर को खारिज करते हुए खुद स्वामी रामदेव ने ट्विट कर कहा कि जेएनयू में आकर छात्रों व शिक्षकों से बातचीत करने में मुझे खुशी होगी। लेकिन फिलहाल मैंने या मेरे कार्यालय ने वहां किसी भी कार्यक्रम में आने की सहमति नहीं दी है।
सम्मेलन का आयोजन करा रहे जेएनयू के संस्कृत स्टडी सेंटर के गिरीश नाथ झा ने बताया कि स्वामी रामदेव को इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया था। मैने खुद व्यक्तिगत तौर पर उनके कार्यालय में संपर्क किया था। उनके आगमन की तारीख 30 दिसंबर थी उनके ऑफिस की ओर से इसे लेकर अभी तक कोई मंजूरी नहीं मिली थी, अब उनका आ पाना संभव नहीं है।
गिरीश नाथ झा ने कहा कि सोमवार को इस संबंध में स्वामी रामदेव के कार्यालय में फिर बात हुई है। वह जेएनयू आना चाहते है लेकिन 30 दिसंबर को आ पाना मुमकिन नहीं है।
उनके आगमन की खबर के बाद से वामपंथी छात्र संगठनों ने विरोध शुरू किया तो दक्षिणीपंथी छात्र संगठन समर्थ में उतर आए। वामपंथी संगठनों ने इसे लेकर जेएनयू प्रशासन से मिलकर इसका विरोध जताया।
लेकिन इसी उठापटक के बीच आगमन की खबर को खारिज करते हुए खुद स्वामी रामदेव ने ट्विट कर कहा कि जेएनयू में आकर छात्रों व शिक्षकों से बातचीत करने में मुझे खुशी होगी। लेकिन फिलहाल मैंने या मेरे कार्यालय ने वहां किसी भी कार्यक्रम में आने की सहमति नहीं दी है।
सम्मेलन का आयोजन करा रहे जेएनयू के संस्कृत स्टडी सेंटर के गिरीश नाथ झा ने बताया कि स्वामी रामदेव को इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलावा भेजा गया था। मैने खुद व्यक्तिगत तौर पर उनके कार्यालय में संपर्क किया था। उनके आगमन की तारीख 30 दिसंबर थी उनके ऑफिस की ओर से इसे लेकर अभी तक कोई मंजूरी नहीं मिली थी, अब उनका आ पाना संभव नहीं है।
गिरीश नाथ झा ने कहा कि सोमवार को इस संबंध में स्वामी रामदेव के कार्यालय में फिर बात हुई है। वह जेएनयू आना चाहते है लेकिन 30 दिसंबर को आ पाना मुमकिन नहीं है।