ईंटों से भरी टॉली के नीचे दबने से तीन साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। हादसे में बच्ची के दादा गंभीर घायल हो गए।
घटना हरियाण के कैथल की है। बालाजी कॉलोनी में लोगों ने करीब बीस मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद ट्राली के नीचे से दोनों को बहार निकाल लिया लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद पूरी कॉलोनी में मातम छा गया है। बच्ची का पिता मजदूरी करके परिवार का गुजारा चला रहा है।
जानकारी के अनुसार गांव नंदसिंह खेड़ा (बरटा) निवासी सुरेश कुमार बालाजी कॉलोनी में अपने मकान में अपने परिवार के साथ रहता है। उसके घर उसके गांव से उसका चाचा रामपाल ईंटों से भरी ट्राली लेकर पहुंचा। वे दोनों दोपहर का खाना खाने के बाद घर से निकले। घर के सामने ही खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली को सुरेश खुद ही चलाने लगा। वहीं उसका चाचा रामपाल ट्राली के ऊपर बैठ गया।
इसी बीच सुरेश की साढ़े तीन साल की बेटी मानसी भी ट्राली पर बैठने की जिद करने लगी। उसकी मां ने उसे भी ट्राली में बैठे रामपाल के पास बैठा दिया। अभी ट्रैक्टर स्टार्ट ही किया ही था कि सड़क की साइड में खाली पड़े प्लॉट में ट्रैक्टर-ट्राली पलट गए। ट्राली के ऊपर बैठे रामपाल व मासूम मानसी भी नीचे दब गए। मानसी ट्राली के बीच में तो रामपाल कमर से नीचे के हिस्से तक ट्राली के नीचे दब गया।
घटना हरियाण के कैथल की है। बालाजी कॉलोनी में लोगों ने करीब बीस मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद ट्राली के नीचे से दोनों को बहार निकाल लिया लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। घटना के बाद पूरी कॉलोनी में मातम छा गया है। बच्ची का पिता मजदूरी करके परिवार का गुजारा चला रहा है।
जानकारी के अनुसार गांव नंदसिंह खेड़ा (बरटा) निवासी सुरेश कुमार बालाजी कॉलोनी में अपने मकान में अपने परिवार के साथ रहता है। उसके घर उसके गांव से उसका चाचा रामपाल ईंटों से भरी ट्राली लेकर पहुंचा। वे दोनों दोपहर का खाना खाने के बाद घर से निकले। घर के सामने ही खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली को सुरेश खुद ही चलाने लगा। वहीं उसका चाचा रामपाल ट्राली के ऊपर बैठ गया।
इसी बीच सुरेश की साढ़े तीन साल की बेटी मानसी भी ट्राली पर बैठने की जिद करने लगी। उसकी मां ने उसे भी ट्राली में बैठे रामपाल के पास बैठा दिया। अभी ट्रैक्टर स्टार्ट ही किया ही था कि सड़क की साइड में खाली पड़े प्लॉट में ट्रैक्टर-ट्राली पलट गए। ट्राली के ऊपर बैठे रामपाल व मासूम मानसी भी नीचे दब गए। मानसी ट्राली के बीच में तो रामपाल कमर से नीचे के हिस्से तक ट्राली के नीचे दब गया।