आबोहवा को शुद्ध बनाने के लिए दिल्ली नए साल का सम-विषम फॉर्मूले के साथ स्वागत करने को तैयार है। पहली जनवरी से नियम के मुताबिक ही सड़कों पर सम-विषम नंबर के वाहनों को उतरने की मंजूरी मिलेगी।
1 से 15 जनवरी तक लागू इस व्यवस्था को नहीं मानने वालों को 2000 रुपये का चालान भरना पड़ेगा। इसके लिए दिल्ली भर में कुल 200 चेक प्वाइंट और वालंटियर्स की टीम तैनात रहेगी।
सम-विषम फॉर्मूला में छूट का भी प्रावधान है। वीआईपी, इमरजेंसी वाहन,� सीएनजी और बैट्री चालित वाहनों समेत कुल 25 श्रेणी में छूट दी गई है। इस छूट के बाद दिल्ली में रजिस्टर्ड कुल 19.50 लाख वाहन इसके दायरे में आएंगे।
सरकार का दावा है कि एक दिन में कुल 10 लाख से ज्यादा वाहन सड़क से हट जाएंगे। हालांकि की खुद दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री को आम लोगों की तरह ही इस व्यवस्था को मानना होगा।
लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सरकार ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने का दावा किया है। करीब तीन हजार अतिरिक्त बसें सड़क पर उतारी गई हैं। इसके साथ मेट्रो के फेरे बढ़ाए जाएंगे। लोगों से कार पूल करने की अपील भी की गई है।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के उपराज्यपाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रियों, लोकसभा व राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष, सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों (दिल्ली के मुख्यमंत्री को छोड़कर), सुप्रीम के जजों को, लोकसभा व राज्य सभा के उपाध्यक्ष, दिल्ली हाईकोर्ट के जज, केंद्र शासित प्रदेशों के एलजी, लोकायुक्त को छूट मिलेगी।
इसके अलावा इमरजेंसी वाहन (एंबुलेंस, पुलिस, फायर ब्रिगेड, अस्पताल, जेल), परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, पैरामिलिट्री फोर्स, रक्षा मंत्रालय के वाहनों को, दूतावासों के सीडी नंबर वाले वाहनों, एसपीजी सुरक्षा वाले वाहनों, सीएनजी चालित वाहन, महिला चालक और अशक्त चालक व सवारी वाले वाहनों के साथ ही मेडिकल इमरजेंसी पर निजी वाहनों को भी छूट मिलेगी।
1 से 15 जनवरी तक लागू इस व्यवस्था को नहीं मानने वालों को 2000 रुपये का चालान भरना पड़ेगा। इसके लिए दिल्ली भर में कुल 200 चेक प्वाइंट और वालंटियर्स की टीम तैनात रहेगी।
सम-विषम फॉर्मूला में छूट का भी प्रावधान है। वीआईपी, इमरजेंसी वाहन,� सीएनजी और बैट्री चालित वाहनों समेत कुल 25 श्रेणी में छूट दी गई है। इस छूट के बाद दिल्ली में रजिस्टर्ड कुल 19.50 लाख वाहन इसके दायरे में आएंगे।
सरकार का दावा है कि एक दिन में कुल 10 लाख से ज्यादा वाहन सड़क से हट जाएंगे। हालांकि की खुद दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री को आम लोगों की तरह ही इस व्यवस्था को मानना होगा।
यह व्यवस्था सुबह आठ बजे से लेकर शाम आठ बजे तक लागू होगा। रविवार को किसी भी नंबर के वाहन को निकालने की छूट होगी। सरकार ने कहा कि यह अपनाना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन साफ आबोहवा के लिए यह कदम उठाना जरूरी है। इस व्यवस्था के दौरान दिल्ली भर में प्रदूषण स्तर की जांच की जाएगी।
लोगों को परेशानी से बचाने के लिए सरकार ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने का दावा किया है। करीब तीन हजार अतिरिक्त बसें सड़क पर उतारी गई हैं। इसके साथ मेट्रो के फेरे बढ़ाए जाएंगे। लोगों से कार पूल करने की अपील भी की गई है।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के उपराज्यपाल, भारत के मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्रियों, लोकसभा व राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष, सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों (दिल्ली के मुख्यमंत्री को छोड़कर), सुप्रीम के जजों को, लोकसभा व राज्य सभा के उपाध्यक्ष, दिल्ली हाईकोर्ट के जज, केंद्र शासित प्रदेशों के एलजी, लोकायुक्त को छूट मिलेगी।
इसके अलावा इमरजेंसी वाहन (एंबुलेंस, पुलिस, फायर ब्रिगेड, अस्पताल, जेल), परिवहन विभाग, राजस्व विभाग, पैरामिलिट्री फोर्स, रक्षा मंत्रालय के वाहनों को, दूतावासों के सीडी नंबर वाले वाहनों, एसपीजी सुरक्षा वाले वाहनों, सीएनजी चालित वाहन, महिला चालक और अशक्त चालक व सवारी वाले वाहनों के साथ ही मेडिकल इमरजेंसी पर निजी वाहनों को भी छूट मिलेगी।