प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही देश के सामने स्वच्छ भारत अभियान को मिशन के तौर पर प्रस्तुत किया। लेकिन उनके आवास से कुछ ही दूरी पर सफाई व्यवस्था को लेकर हालात चिंताजनक है।
देशव्यापी सफाई अभियान को शुरू हुए एक साल बीत गया लेकिन इसका असर बेहद कम जगहों पर नजर आया। हालांकि पीएम ने इसकी आलोचना करने वालों को नसीहत दी है कि वे इससे दूर रहे।
लेकिन सफाई के आंकलन से पता चलता है सफाई व्यवस्था के लिए सिस्टम अंदर से खोखला है। राजधानी के दूर-दराज के इलाकों की बात तो दूर संसद से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर ही सीवर की सफाई बेहद कठिन काम है।
सफाई कर्मी अपनी जान को जोखिम में ड़ालकर सीवर की सफाई करते हैं। इसके लिए नगर निगम या किसी भी तरह का सफाई अमला अबतक सीवर की सफाई के लिए कोई सुरक्षित विकल्प नहीं तलाश पाया है।
देशव्यापी सफाई अभियान को शुरू हुए एक साल बीत गया लेकिन इसका असर बेहद कम जगहों पर नजर आया। हालांकि पीएम ने इसकी आलोचना करने वालों को नसीहत दी है कि वे इससे दूर रहे।
लेकिन सफाई के आंकलन से पता चलता है सफाई व्यवस्था के लिए सिस्टम अंदर से खोखला है। राजधानी के दूर-दराज के इलाकों की बात तो दूर संसद से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर ही सीवर की सफाई बेहद कठिन काम है।
सफाई कर्मी अपनी जान को जोखिम में ड़ालकर सीवर की सफाई करते हैं। इसके लिए नगर निगम या किसी भी तरह का सफाई अमला अबतक सीवर की सफाई के लिए कोई सुरक्षित विकल्प नहीं तलाश पाया है।